नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को जी-20 देशों की कृषि बैठक में कहा कि भारत मोटे अनाज जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों के लिए गंतव्य देश बन रहा है और सरकार कुपोषण को दूर करने के लिए बायोफोर्टिफाइड किस्मों को बढ़ावा दे रही है। बायोफोर्टिफाइड किस्मों का मतलब फसलों की उन किस्मों से हैं जिनमें अलग-अलग प्रक्रियाओं की मदद से सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ायी जाती है। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।
तोमर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' के रूप में घोषित किया है और जी-20 देशों से पोषण और सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए 2023 को मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने में मदद करने का आग्रह किया। जी20 कृषि मंत्रियों की बैठक अक्टूबर में इटली में होने वाले जी20 लीडर्स समिट 2021 के हिस्से के रूप में आयोजित किए जा रहे मंत्रिस्तरीय बैठकों में से एक है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार तोमर ने कहा, "भारत सरकार ने लोगों के आहार में बाजरा, अन्य पौष्टिक अनाज, फल एवं सब्जियां, मछली, डेयरी और जैविक उत्पादों सहित पारंपरिक खाद्य पदार्थों को फिर से शामिल करने पर जोर दिया है। हाल के वर्षों में भारत में उनका उत्पाद अभूतपूर्व रहा है और भारत स्वस्थ खाद्य पदार्थों के लिए एक गंतव्य देश बन रहा है।" तोमर ने कहा कि बायोफोर्टिफाइड-किस्में सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर मुख्य आहार का स्रोत हैं और उन्हें कुपोषण को दूर करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।
विभिन्न फसलों की ऐसी लगभग 17 किस्मों का विकास किया गया है और उनकी खेती की जा रही है। केंद्रीय मंत्री "शून्य भूखमरी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना: कृषि मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित सफल परियोजनाएं" विषय पर एक सत्र को संबोधित कर रहे थे। तोमर ने इस बात पर जोर दिया कि देश की आजादी के बाद भारतीय कृषि ने बड़ी सफलता हासिल की है और कहा, "भारतीय कृषि क्षेत्र कोविड महामारी के दौरान भी अप्रभावित रहा।"