मुंबई। खाड़ी देशों में भारतीय बासमती चावल की मांग में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है जिस वजह से इस साल देश से बासमती चावल के निर्यात में करीब 32 फीसदी का उछाल देखा गया है। वित्तवर्ष 2018 की पहली तिमाही में भारतीय बासमती चावल के निर्यात में 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। एक रिपोर्ट में यहां यह जानकारी दी गई है।
साख निर्धारक एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय बासमती चावल के निर्यात में तेजी लौटी है और चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में निर्यात 32 प्रतिशत बढ़ा है। अप्रैल से जून के दौरान देश से कुल 8,172.65 करोड़ रुपए का बासमती चावल निर्यात हुआ है जबकि वित्तवर्ष 2017 की पहली तिमाही के दौरान देश से 6,189.96 करोड़ रुपए का चावल एक्सपोर्ट हुआ था।
बाजार के इस रुख के बारे में टिप्पणी करते हुए इक्रा के सहायक उपाध्यक्ष दीपक जोतवानी ने कहा, चालू वित्तवर्ष में बासमती चावल का निर्यात उत्साहजनक रहा है जिसका विशेष कारण ईरान से मांग का बढ़ना है। पश्चिम एशिया के देश सबसे बड़े आयातक देश हैं और मांग में आने वाले भारी उतार चढ़ाव की वजह भी हैं। अप्रैल से जून के दौरान देश से कुल 12,56,982 टन बासमती चावल निर्यात हुआ है जिसमें से 5,14,229 टन अकेले ईरान ने ही खरीदा है। ईरान के अलावा 1,63,462 टन सऊदी अरब और 1,44,972 टन इराक ने खरीदा है।
चालू सत्र के दौरान उार प्रदेश और हरियाणा के प्रमुख बासमती उत्पादक राज्यों में पिछले वर्ष के मानसून सत्र के मुकाबले सितंबर 2017 मध्य तक बरसात की कमी रही है जबकि उत्तर प्रदेश में जलाशयों में पानी का स्तर कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले खरीद सत्र में धान की अधिक कीमत और आने वाले खरीद सत्र में कीमतों के मजबूत होने की संभावनाओं को देखते हुए विावर्ष 2018 में निर्यात से होने वाली औसत प्राप्ति में बढ़ोतरी की उम्मीद है। जोतवानी ने कहा कि परिणामस्वरूप निर्यात से होने वाली प्राप्ति के भी विावर्ष में 26,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है जो विावर्ष 2017 के मुकाबले 21 प्रतिशत वृद्धि को दर्शायेगा।