नई दिल्ली। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) दो माह की गिरावट के बाद अप्रैल में एक बार फिर बढ़ा है। आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक कुल एफडीआई में पिछले साल के मुकाबले 38 प्रतिशत की बढ़त रही है। वहीं इक्विटी एफडीआई इस दौरान 60 प्रतिशत बढ़ा है। आंकड़े जारी होने के बाद सरकार ने कहा कि इससे पता चलता है कि भारत दुनिया भर के निवेशकों के लिये पसंदीदा जगह है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आकड़े के अनुसार इक्विटी, कमाई और पूंजी को फिर से किये गये निवेश को मिलाकर कुल एफडीआई इस साल अप्रैल में 6.24 अरब डॉलर रहा। जबकि एक साल पहले अप्रैल 2020 में यह 4.53 अरब डॉलर था। मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘इस साल अप्रैल के दौरान इक्विटी के जरिये एफडीआई 4.44 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल इसी माह के 2.77 अरब डॉलर के एफडीआई प्रवाह के मुकाबले 60 प्रतिशत अधिक है।’’ इसमें कहा गया है कि सरकार के एफडीआई के मामले में नीतिगत सुधारों, निवेश को आसान तथा व्यापार को सुगम बनाने को लेकर किये गये उपायों के परिणामस्वरूप देश में एफडीआई प्रवाह में वृद्धि हुई है। मार्च में एफडीआई प्रवाह घटकर 2.87 अरब डॉलर रहा था जो मार्च 2020 में 4.27 अरब डॉलर था। फरवरी में भी एफडीआई घटकर 2.58 अरब डॉलर था जो एक साल पहले इसी माह में 3.36 अरब डॉलर था।
मंत्रालय के अनुसार अप्रैल में कुल एफडीआई प्रवाह में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मारीशस शीर्ष स्थान पर रहा। उसके बाद सिंगापुर (21 प्रतिशत) और जापान (11 प्रतिशत) का स्थान रहा। वहीं कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सर्वाधिक करीब 24 प्रतिशत एफडीआई प्राप्त करने वाला क्षेत्र रहा। उसके बाद सेवा और शिक्षा क्षेत्र का स्थान रहा। राज्यों में कर्नाटक 31 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सर्वाधिक एफडीआई प्राप्त करने वाला प्रदेश रहा। उसके बाद 19 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र और 15 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दिल्ली का तीसरा स्थान रहा।
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