नई दिल्ली। कोरोना संकट और दुनिया भर में आर्थिक संकट के बावजूद विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा न केवल बना हुआ है, साथ ही इस अवधि के दौरान इसमें मजबूती भी देखने को मिली है। वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मौजूद वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पिछले साल के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़ गया है।
एफडीआई में रिकॉर्ड तेजी दर्ज
वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान देश में कुल 67.54 अरब डॉलर के बराबर एफडीआई आया है। मंत्रालय के मुताबिक किसी भी वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान दर्ज किया गया य़े अब तक का सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रहा है। पिछले साल के मुकाबले इसमें 22 प्रतिशत की बढ़त रही है। बीते साल यानि अप्रैल से दिसंबर 2019 के दौरान देश में 55.14 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।
इक्विटी एफडीआई में 40 प्रतिशत की बढ़त
आंकड़ों के मुताबिक इक्विटी एफडीआई में वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान पिछले साल के मुकाबले 40 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। बीते साल की इसी अवधि में देश में 36.77 अरब डॉलर का इक्विटी एफडीआई आया था। तीसरी तिमाही के दौरान एफडीआई पिछले साल के मुकाबले 37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26.16 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। बीते वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में 19.09 अरब डॉलर के स्तर पर था। वहीं दिसंबर के महीने में एफडीआई पिछले साल के मुकाबले 24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 9.22 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। दिसंबर 2019 में 7.46 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।
क्या है विदेशी निवेश बढ़ने का फायदा
आंकड़ों के साथ मंत्रालय ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अर्थव्यवस्था में बढ़त के बेहद जरूरी गैर-कर्ज वित्त का स्रोत है। सरकार ने लगातार अपनी नीतियों में ऐसे बदलाव किए हैं, जिससे देश विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बन गया है। विदेशी निवेश बढ़ने से कारोबार के लिए जरूरी रकम मिलती है और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। इससे अर्थव्यवस्था को जरूरी मदद भी मिलती है।
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