नई दिल्ली। भारत और मलेशिया की कंपनियों ने निर्माण, फार्मा और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में 36 अरब डॉलर निवेश के 31 सहमति ज्ञापनों (एमओयू) पर दस्तखत किए हैं।
मलेशिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद नजीब तुन अब्दुल रजाक और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में इन एमओयू का आदान प्रदान किया गया। उद्योग मंडल फिक्की सहित अन्य उद्योग संगठनों से जुड़े कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए नजीब ने कहा कि 36 अरब डॉलर का यह बड़ा आंकड़ा दोनों देशों के उद्योगपतियों के आपसी सकारात्मक विचार, धारणा का संकेत है।
नजीब छह दिन की भारत यात्रा पर आए हैं। उनके साथ एक बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी यहां आया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापारिक संबंधों और आतंकवाद से निपटने के मुद्दों सहित व्यापक महत्व के मसलों पर विचार-विमर्श किया।
जिन भारतीय कंपनियों ने एमओयू पर दस्तखत किए हैं उनमें अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, अडानी रियल्टी, नैटको फार्मा लि., वीबीसी फर्टिलाइजर्स केमिकल्स, आंध्र प्रदेश गैस डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन, जीएमआर एनर्जी लि., नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लि. और जयप्रकाश एसोसिएट्स शामिल हैं।
मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन ने भी मलेशिया पाम ऑयल काउंसिल से करार किया है। जिन मलेशियाई कंपनियों ने करार पर दस्तखत किए हैं उनमें साइम डार्बी प्रॉपर्टी बरहाद, एमएमसी होल्डिंग्स एसडीएन बीएचडी, मलेशिया रिसोर्सेज कॉरपोरेशन, आइसोमेरिक होल्डिंग्स, टीएनबी रिपेयर्स एंड एम्प, मेन्टेनेंस, मलेशिया पाम ऑयल काउंसिल और सीआईडीबी होल्डिंग्स शामिल हैं।