जकार्ता। भारत और इंडोनेशिया ने द्विपक्षीय व्यापार को अगले सात साल में करीब तीन गुणा बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिये अपने प्रयासों को तेज करने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह जानकारी दी। मोदी कल रात ही इंडोनेशिया की अपनी पहली आधिकारी यात्रा पर यहां पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रक्षा, नौवहन सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था जैसे बेहतर संभावनाओं वाले क्षेत्र में सहयोग पर अपने विचार साझा किए।
बातचीत के बाद आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया ने आपसी संबंधों को आगे बढ़ाते हुए वृहद रणनीतिक भागीदारी तक पहुंचाने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों देश 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिये अपने प्रयासों को दोगुना करने पर सहमत हुए हैं।
इंडोनेशिया की केंद्रीय साख्यिकी एजेंसी (बीपीएस) के मुताबिक दोनों देशों के बीच 2016 में व्यापार 12.9 अरब डॉलर था जो कि 2017 में बढ़कर 18.13 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इंडोनेशिया का भारत को निर्यात 14.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि भारत से आयात 4.05 अरब डॉलर पर रहा।
बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि दोनों देशों ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी बातचीत को जल्द पूरा करने के लिए लगातार काम करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने जोर दिया कि यह भागीदारी व्यापक, उचित और संतुलित होनी चाहिये जो कि सभी सदस्य देशों के लिये फायदेमंद हो।
दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार और सेवाओं के विस्तार के लिए बेहतर संभावनायें मौजूद हैं। मोदी और विदोदो ने इंडोनेशियाई वाणिज्य एवं उद्योग मंडल और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के बीच आपसी सहमति ज्ञापन (एमओयू) पूरा होने का स्वागत किया और जकार्ता में सीआईआई का कार्यालय खुलने पर प्रसन्नता जाहिर की।
राष्ट्रपति विदादो ने इंडोनेशिया में भारत निवेश बढ़ने का स्वागत किया और इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था में योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत इंडोनेशिया की कंपनियों के भरतीय अर्थव्यव्स्था में भागीदारी निभाने का स्वागत किया। उन्होंने इंडोनेशियाई कारोबारियों को भारत में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने को कहा।
दोनों नेताओं ने स्वास्थ क्षेत्र में किये गये एमओयू का भी स्वागत किया और कहा कि इससे स्वास्थ्य क्षेत्र की साझा चुनौतियों से निपटने में नजदीकी सहयोग किया जा सकेगा। समुद्री क्षेत्र के पड़ौसी होने के नाते दोनों देशों ने इस क्षेत्र में मजबूत संपर्क पर जोर दिया। आर्थिक सहयोग और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिहाज से समुद्री मार्ग से संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया गया।