नई दिल्ली। भारत 2015 में दुनिया में शीर्ष दस इस्पात आयातकों में रहा। विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इस्पात उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर आता है। डब्ल्यूएसए के आंकड़ों के अनुसर 2015 में भारत ने 1.33 करोड़ टन इस्पात का आयात किया। इस मामले में वह चीन से थोड़ा ही पीछे रहा। इस दौरान चीन का आयात 1.32 करोड़ टन रहा।
आंकड़ों के अनुसार एक ब्लॉक के रूप में यूरोपीय संघ ने सबसे अधिक 3.77 करोड़ टन इस्पात का आयात किया। उसके बाद अमेरिका ने 3.65 करोड़ टन, जर्मनी ने 2.48 करोड़ टन, दक्षिण कोरिया ने 2.17 करोड़ टन, इटली ने 1.99 करोड़ टन, तुर्की ने 1.86 करोड़ टन, वियतनाम ने 1.63 करोड़ टन, थाइलैंड ने 1.46 करोड़ टन, फ्रांस ने 1.37 करोड़ टन तथा भारत ने 1.33 करोड़ टन का आयात किया।
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में इस्पात का आयात 25.6 फीसदी बढ़कर 1.17 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 93.2 लाख टन रहा था। डब्ल्यूएसए के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने 2015 में 76 लाख टन इस्पात का निर्यात किया। यह चीन द्वारा समान अवधि में किए गए 11.16 करोड़ टन के निर्यात से काफी कम है। इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसी महीने राज्यसभा में इस बात को स्वीकार किया था कि भारतीय इस्पात क्षेत्र पिछले कुछ समय से दबाव में है। उन्होंने कहा था कि सरकार इस उद्योग के प्रोत्साहन व संरक्षण के लिए सभी कदम उठाएगी।
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