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देश में इस साल 1,000 से अधिक स्टार्टअप हुए शुरू, आईटी उद्योग में अगले साल आएगा उछाल

देश में इस साल 1,000 से अधिक स्टार्टअप शुरू हुए हैं। इससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हुई है।

Abhishek Shrivastava
Updated : November 02, 2017 18:17 IST
देश में इस साल 1,000 से अधिक स्टार्टअप हुए शुरू, आईटी उद्योग में अगले साल आएगा उछाल
देश में इस साल 1,000 से अधिक स्टार्टअप हुए शुरू, आईटी उद्योग में अगले साल आएगा उछाल

मुंबई। देश में इस साल 1,000 से अधिक स्टार्टअप शुरू हुए हैं। इससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत हुई है। इस मामले में भारत को ब्रिटेन और इस्राइल जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। नास्कॉम की स्टार्टअप रिपोर्ट के अनुसार इस तरह देश में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के स्टार्टअप की संख्या करीब 5,200 हो गई है।

इसमें कहा गया है कि देश में स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, फिनटेक, ई-कॉमर्स और एग्रीगेटर्स क्षेत्र के बिजनेस टु बिजनेस स्टार्टअप की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई देश के प्रमुख स्टार्टअप हब बने हुए हैं वहीं दूसरी और तीसरे श्रेणी के शहरों में 20 प्रतिशत स्टार्टअप स्थापित हुए हैं।

नास्कॉम के चेयरमैन तथा क्वात्रो ग्लोबल सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक रमन रॉय ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता स्टार्टअप क्षेत्र हैं। सभी प्रमुख निवेशक और एंजल समूह इसका हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र नए और नवोन्मेषी विचारों से भरा हुआ है। इसे आगे बढ़ाने के लिए सही दिशानिर्देशन की जरूरत है।

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में अगले साल उछाल दिख सकता है : चंद्रशेखर 

भारत के सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में अगले साल उछाल दिख सकता है क्योंकि अमेरिका समेत कई अन्य देशों में तकनीक में निवेश की प्रक्रिया काफी बेहतर स्तर पर शुरू हुई है। नास्‍कॉम के अध्यक्ष आर. चंद्रशेखर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आईटी उद्योग का निर्यात सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ रहा है और इसमें और कोई सुधार नहीं किया जाना है क्योंकि किसी भी तरह के नए कारण का उभार नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि 2017-18 में निर्यात वृद्धि का अनुमान लगाते वक्त सभी बदलावों को शामिल किया गया। इनमें तकनीक में बदलाव, वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक राजनीति समेत राजनीतिक संरक्षण भी शामिल है। चंद्रशेखर ने कहा कि हमारा मानना है कि हम उसी रास्ते पर (भारतीय आईटी उद्योग की निर्यात वृद्धि दर सात से आठ प्रतिशत रहने) पर आगे बढ़ रहे हैं। हम इसमें बदलाव की कोई जरुरत नहीं देखते। हमारा मानना है कि यही एक दायरा होगा जहां हम कहीं रहेंगे।

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