नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की घोषणा की है। 3 लाख रुपए तक आय वाले वरिष्ठ नागरिकों पर कोई टैक्स नहीं, पहले यह सीमा 2.5 लाख रुपए थी। 60 साल से कम उम्र वाले लोगों को 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की आय पर टैक्स 10 फीसदी की जगह 5 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव किया गया है। 5 से 10 लाख रुपए तक की आय के लिए 20 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। पहले भी 20 फीसदी ही टैक्स लगता था।
यह भी पढ़ें : 3 लाख रुपए तक की आमदनी पर नहीं लगेगा टैक्स, ये हैं बजट की 10 बड़ी बातें
- 50 लाख आय वाले व्यवसायियों को अग्रिम कर भुगतान एक किस्त में करने का मौका दिया गया।
- एक करोड़ से अधिक आय वाले लोगों पर 12 फीसदी सरचार्ज जारी रहेगा।
बजट में टैक्स पर प्रस्तावित दरें
सालाना आय | 60 साल से कम | 60-80 वर्ष | 80 वर्ष से अधिक |
---|---|---|---|
2.5 लाख रुपए तक | कुछ नहीं | कुछ नहीं | कुछ नहीं |
2.5 लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक | पांच फीसदी | कुछ नहीं | कुछ नहीं |
तीन से पांच लाख तक | पांच फीसदी | पांच फीसदी | कुछ नहीं |
पांच लाख से 10 लाख तक | 20 फीसदी | 20 फीसदी | 20 फीसदी |
10 लाख रुपए से अधिक | 30 फीसदी | 30 फीसदी | 30 फीसदी |
यह भी पढ़ें : बजट से ठीक पहले आम आदमी को लगा महंगाई का झटका, 66.50 रुपए महंगी हुई रसोई गैस
कर चोरों पर कसेगा शिकंजा
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि भारत में टैक्स से आने वाली आय काफी कम है।
- असंगठित क्षेत्र में लगे 4.2 करोड़ व्यक्तियों में से केवल 1.74 करोड़ आय का आंकड़ा देते हैं।
- वर्ष 2016-17 के लिए 5.97 लाख कंपनियों ने अपने आय का विवरण प्रस्तुत किया है।
- 2015-16 में 3.7 करोड़ व्यक्तियों में से 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख की छूट सीमा से कम आय दिखाई।
- पूरे देश में 50 लाख से अधिक आय दिखाने वाले लोगों की संख्या केवल 1.72 लाख है।
- नोटबंदी के बाद 8 नवंबर से 30 नवंबर के दौरान 1.09 करोड़ खातों में औसत 5 लाख से अधिक जमा किए गए।
- वित्त मंत्री ने कहा कि एक तरफ जहां विदेश घूमने जाने वालों देशवासियों की संख्या एक साल में दो करोड़ रही वहीं 10 लाख से अधिक आय सिर्फ 24 लाख लोगों ने दिखाया।