नयी दिल्ली। सरकार द्वारा इन्फोसिस को नए आयकर पोर्टल की दिक्क्तों को दूर करने के लिए दी गई समयसीमा बुधवार को समाप्त हो गई। लेकिन इसके बावजूद पोर्टल पर तकनीकी दिक्क्तें अभी जारी हैं। अलग-अलग कार्यों के लिए आयकर पोर्टल का उपयोग करने वाले कर विशेषज्ञों ने कहा कि पोर्टल पर अभी भी कई तरह की गड़बड़ियों का सामना करना पड़ रहा है।
आयकर पोर्टल के शुरू किये जाने के तीन महीने बावजूद उपयोगकर्ताओं को दाखिल किए गए रिटर्न में गलती को ठीक करने, रिफंड की स्थिति का पता लगाने और रिफंड को फिर से जारी करने के अनुरोध को देने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। केवल यही नहीं बल्कि उपयोगकर्ताओं को निर्धारण वर्ष 2013-14 से पहले दाखिल की गई आईटीआर को देखने में भी परेशानी आ रही हैं। नए ई-फाइलिंग पोर्टलको सात जून, 2021 को शुरू किया गया था।
पोर्टल के शुरू होने के दिन से ही करदाताओं और पेशेवरों ने इसके कामकाज में गड़बड़ियों और कठिनाइयों की रिपोर्ट की थी। जानी-मानी कंपनी इन्फोसिस को 2019 में आयकर पोर्टल विकसित करने का ठेका दिया गया था। वित्त मंत्रालय ने इससे पहले 23 अगस्त को आयकर पोर्टल पर जारी तकनीकी खामियों को लेकर इन्फ़ोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख को तलब किया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पारेख के साथ बैठक में पोर्टल पर लगातार गड़बड़ियों पर 'गहरी निराशा' व्यक्त करते हुए सभी मुद्दों को हल करने के लिए उन्हें 15 सितंबर तक का समय दिया था, जो आज पूरा हो रहा है।