नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद जिस किसी ने भी अपने बैंक अकाउंट में मोटी रकम जमा कराई है और नोटिस मिलने के बाद अभी तक उसका जवाब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दिया है, तो उनके घर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी कभी भी पहुंच सकते हैं।
टैक्स डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि हमने इस अभियान को ऐसा रखने की कोशिश की है कि यह दखलंदाजी न लगे, लेकिन अगर लोग खुद आगे नहीं आते तो खासतौर पर बड़े डिपॉजिट वाले मामलों में कुछ वेरिफिकेशन की जरूरत होगी।
18 लाख लोगों को भेजे गए है SMS और ईमेल
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत ऐसे 18 लाख लोगों को एसएमएस और ईमेल भेजे हैं।
- जिनके बैंक अकाउंट में 50 दिनों के डीमॉनेटाइजेशन विंडो के दौरान 5 लाख रुपए से ज्यादा रकम जमा करायी गयी थी और जिनके डिपॉजिट ट्रांजैक्शंस उनकी इनकम के हिसाब से मेल नहीं खाते।
- फेसलेस एक्सरसाइज के तहत लोगों से डिपार्टमेंट के पोर्टल पर डिपॉजिट के बारे में सफाई देने के लिए कहा गया है।
इन 11 लाख लोगों के घर पहुंच सकते है टैक्स अधिकारी
- लगभग 7.3 लाख लोगों ने 15 फरवरी की बढ़ायी गयी समय सीमा के दौरान ईमेल का जवाब दिया और जमा पर सफाई दी है।
- जो सफाई नहीं देंगे, उनके मामले में डिपार्टमेंट वेरिफिकेशन करेगा।
- उनसे इनकम टैक्स ऑफिस आकर डिपॉजिट के बारे में सफाई देने के लिए कहा जा सकता है।
- ऑफिस नहीं आने पर टैक्स ऑफिसर उनके घर जाएंगे।
- आपको बता दें कि इनकम टैक्स अफसर ऐसे कुछ बड़े मामलों में नोटिस भेजने या सर्वे करने के बारे में सोच रहे हैं, जिनमें लोगों ने उस डिपॉजिट के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दिया था, जो उनकी घोषित आय से ज्यादा थी।
क्लीन मनी पार्ट 2 भी जल्द होगा शुरू
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऑपरेशन क्लीन मनी पार्ट 2 के तहत जल्द ईमेल और एसएमएस भेजना शुरू करेगा।
- इसमें पांच लाख रुपये से कम डिपॉजिट के उन मामलों को कवर किया जाएगा जिनकी पहचान बिग डेटा ऐनालिटिक्स से की गयी है।
- विभाग को नोटबंदी के दौरान हुए डिपॉजिट्स पर बैंकों से बहुत से आंकड़े मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है।
- डिपार्टमेंट डिपॉजिट स्प्लिटिंग या डिपार्टमेंट की नजर में आने से बचने के मकसद से किए गए दूसरे उपाय की पहचान करने के लिए बाहरी एक्सपर्ट्स को हायर कर रहा है। पहचाने गए डिपॉजिटर्स से सफाई देने के लिए कहा जाएगा।
ब्लैकमनी वालों के पास है सिर्फ ये रास्ता
- नोटबंदी के दौरान जिन लोगों ने मोटी रकम जमा कराई थी, लेकिन उसके बारे में सफार्इ नहीं दी थी, उनके पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत 50% टैक्स देकर और 25% रकम चार साल के लिए बिना ब्याज जमा कराने का मौका होगा।