नई दिल्ली। बजट में सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है अब इनकम टैक्स अधिकारी 10 साल पुराने मामलों की फिर से जांच कर सकेंगे। इसका मतलब यह है कि अगर सर्च ऑपरेशंस में किसी व्यक्ति के पास से 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित संपत्ति या आय पाई जाती है तो टैक्स अधिकारी उसके खिलाफ 10 साल पुराने मामलों को भी दोबारा खोल सकते हैं। फिलहाल आईटी अधिकारी 6 साल पुराने मामलों की जांच पड़ताल कर सकते हैं।
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नए नियम एक अप्रैल से लागू होंगे
- फाइनेंस बिल, 2017 के मेमोरेंडम के मुताबिक इनकम टैक्स ऐक्ट के बदलाव 1 अप्रैल, 2017 से लागू हो जाएंगे।
- इसका अर्थ यह हुआ कि अघोषित आय अथवा संपत्ति रखने वाले व्यक्ति के खिलाफ टैक्स अधिकारी 2007 तक के मामलों की जांच को दोबारा शुरू कर सकेंगे।
- इसके अलावा बड़े ट्रांजेक्शंस के भी 10 साल पुराने मामलों की पड़ताल की जा सकती है।
टैक्स अधिकारी को मिले ये नए अधिकार
- संशोधित इनकम टैक्स ऐक्ट के मुताबिक यदि सर्च या सीज ऑपरेशन में किसी व्यक्ति के खिलाफ अघोषित संपत्ति रखने के सबूत पाए जाते हैं तो उसके खिलाफ टैक्स के उल्लंघन की जांच की जा सकती है।
- संशोधित कानून टैक्स अधिकारियों को ऐसे लोगों को पिछले 10 साल तक के मामलों में नोटिस जारी करने का अधिकार देता है।
- मौजूदा आईटी कानून के मुताबिक टैक्स अधिकारी बीते छह साल के आंकड़ों के आधार पर जांच कर सकते हैं।
- संशोधित ऐक्ट के अनुसार यदि छापेमारी के दौरान किसी व्यक्ति के घर से अकाउंटिंग दस्तावेज पाए जाते हैं, जिनमें एक साल के भीतर 50 लाख या उससे अधिक की संपत्ति बनाए जाने के सबूत मिलते हैं तो आयकर विभाग उन्हें नोटिस जारी कर सकता है।
- यही नहीं यदि किसी व्यक्ति के पास अघोषित आय संपत्ति के तौर पर पाई जाती है, तब भी उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।
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16 साल पुराने मामले भी खोलने का अधिकार
- मेमोरेंड्म के मुताबिक, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 153ए में किए गए संशोधन के मुताबिक टैक्स अधिकारियों की ओर से सेक्शन 132ए के तहत 1 अप्रैल, 2017 को या उसके बाद मारी गई छापेमारी पर यह अधिकार होगा।
- इसके अलावा विदेशों में अघोषित संपत्ति पाए जाने के मामले में केंद्र सरकार टैक्स अथॉरिटीज को 16 साल पुराने मामले खोलने का अधिकार दिया है।