नई दिल्ली। जल्द ही देश के प्रत्येक जिले में छोटे करदाताओं को आयकर रिटर्न भरने में मदद के लिए कम-से-कम एक प्रशिक्षित व्यक्ति होगा। आयकर विभाग ने 7,600 अतिरिक्त टैक्स रिटर्न प्रीपेयर (टीआरपी) की नियुक्ति का प्रस्ताव किया है। इन विशेषज्ञों की सेवाएं मोबाइल एप पर भी उपलब्ध होंगी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2006 की टैक्स रिटर्न प्रीपेयरर (टीआरपी) योजना को डिजिटल रूप देने और देश के सभी 708 जिलों को शामिल करने का फैसला किया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुकाबले टीआरपी कुछ राशि लेकर कर रिटर्न भरने में करदाताओं की मदद करते हैं।
इनकम टैक्स विभाग की रूपरेखा के अनुसार, प्रत्येक जिले में पर्याप्त संख्या में टीआरपी नियुक्त करने का प्रस्ताव है। इसके लिए टीआरपी की संख्या मौजूदा 5,400 से बढ़ाकर 13,000 की जाएगी। इसके अनुसार, प्रस्ताव के तहत देश के प्रत्येक जिले में कम-से-कम तीन टीआरपी होने चाहिए।
परियोजना पर काम कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका मकसद चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास गए बिना करदाताओं को कर रिटर्न फाइल करने को सुगम बनाना है। अधिकारी ने कहा, आईटीआर रिटर्न भरना अब भी कई लोगों के लिए आसान कार्य नहीं हैं। टीआरपी योजना एक दशक पहले शुरू की गई थी। इसके पीछे मकसद यह है कि करदाताओं को कर भरने को लेकर कम लागत पर सेवा मिले।
अधिकारी ने कहा, 7,600 नए टीआरपी को प्रशिक्षण दिया जाएगा और कर विभाग द्वारा नियुक्त किया जाएगा। नई डिजिटल योजना के तहत करदाता जल्दी शुरू होने वाला मोबाइल एप आयकर मित्र पर लॉग इन कर समीप में काम करने वाले टीआरपी की जानकारी ले सकेंगे। यह एप उसी प्रकार का होगा जैसा कि ऑनलाइन टैक्सी सेवा प्रदाता उबर और ओला जैसी कंपनियां यात्रियों के लिए उपलब्ध कराते हैं। आधिकारिक दर के हिसाब से टीआरपी एक आईटीआर के लिए 250 रुपए ले सकता है।