नई दिल्ली। आयकर विभाग बेनामी संपत्ति रोधी कानून के प्रावधानों के तहत 30 लाख रुपये से अधिक संपत्ति पंजीयन मामलों में कर ब्यौरे का मिलान कर रहा है। यह कार्रवाई अवैध संपत्तिधारकों के खिलाफ कदमों को कड़ा किए जाने के तहत की जा रही है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन सुशील चंद्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कर अधिकारी उन मुखौटा कंपनियों व उनके निदेशकों की भी जांच कर रहे हैं जिन्हें सरकार ने कालेधन के खिलाफ अभियान के तहत हाल ही ‘प्रतिबंधित ’ किया है।
चंद्र ने कहा कि कर अधिकारियों ने अब तक 621 संपत्तियों को कुर्क किया है जिनमें कुछ बैंक खाते शामिल हैं। ये मामले कुल मिलाकर लगभग 1800 करोड़ रुपये की राशि से जुड़े हैं जिनकी जांच बेनामी सौदा कानून के तहत की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘हम उन सभी माध्यमों को नष्ट कर देंगे जिनका इस्तेमाल कालेधन को सफेद बनाने के लिए होता है। इसमें मुखौटा कंपनियां भी शामिल हैं। इसके साथ ही विभाग उन सभी संपत्तियों में आयकर कर ब्यौरे का मिलान कर रहा है जिनका पंजीयन मूल्य 30 लाख रुपये से अधिक है।’
चंद्र ने कहा-अगर इन मामलों में आयकर ब्यौरा गलत या संदिग्ध पाया जाता है तो उचित कार्रवाई बेनामी कानून के तहत की जाएगी। कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है।