नई दिल्ली। आयकर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपए के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स डिमांड को वसूलने के लिए खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड में ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के कुछ और शेयर बेचे हैं। ब्रिटेन की कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
आयकर विभाग ने मई और जून में वेदांता में केयर्न की करीब दो प्रतिशत हिस्सेदारी 23.1 करोड़ डॉलर में बेची थी। इसके अलावा पिछले महीने भी उसने करीब एक प्रतिशत हिस्सेदारी बेची है। गौर तलब है कि केयर्न ने आयकर विभाग की टैक्स डिमांड को पंचनिर्णय अदालत में चुनौती दी है। यह मामला हेग में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण में चल रहा है।
केयर्न ने मंगलवार को जारी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा है कि उसे भारत में अपने वित्तीय निवेश की मान्यता समाप्त होने और उसकी क्षति के चलते 50.05 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जनवरी, 2018 को केयर्न के पास वेदांता लिमिटेड के 4.9 प्रतिशत सूचीबद्ध शेयर थे। मई के आखिर और जून की शुरुआत में भारत के आयकर विभाग ने केयर्न की 1.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्देश दिया और उससे मिला धन जब्त कर लिया। इससे 30 जून, 2018 तक छह माह की अवधि के दौरान निवेश की मान्यता समाप्त होने से उसे 23.08 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ।
केयर्न एनर्जी ने बयान में कहा कि इसके बाद अगस्त और सितंबर, 2018 में कुल 1.1 प्रतिशत शेयर और बेचने का निर्देश दिया गया। इससे वेदांता लिमिटेड में केयर्न की हिस्सेदारी घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई। इसमें कहा गया है कि आयकर विभाग पिछली तरीख से प्रभावी संभावित कानूनी व्यवस्था के अनुसार केयर्न के खिलाफ कर वसूली की मांग को लगातार लागू कर रहा है। वहीं ब्रिटेन-भारत द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत मध्यस्थता की प्रक्रिया अभी चल रही है।
गौरलब है कि केयर्न एनर्जी भारत में केयर्न इंडिया की प्रवर्तक थी। केयर्न इंडिया को वेदांता समूह ने अधिग्रहीत कर लिया है। वेदांता में विलय से पहले ही आयकर विभाग ने केयर्न इंडिया में केयर्न एनजीं के बचे हुए 9.8 प्रतिशत शेयर जब्त कर लिए थे।