नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा बेहिसाब धन पर कार्रवाई करने के लिए एक करोड़ खातों की जांच और उसका मिलान किया है तथा 18 लाख लोगों से कोष के स्रोत के बारे में जानकारी मांग रहा है।
एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि कर विभाग अपने डाटा बैंक में एक करोड़ से अधिक खातों के जरिये आंकड़ों का विश्लेषण शुरू किया है। इसका मिलान खाताधारकों के आयकर की स्थिति से किया है।
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ये है इनकम टैक्स रिटर्न की विस्तृत जानकारी
- इनकम टैक्स रिकॉर्ड के तहत देश में कुल 3.65 करोड़ व्यक्ति आयकर रिटर्न फाइल करते हैं।
- इसके अलावा सात लाख से अधिक कंपनियां, 9.40 लाख हिंदु अविभाजित परिवार (HUF) तथा 9.18 लाख फर्म हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2014-15 में ITR फाइल किया।
- साथ ही वित्तीय समावेशी अभियान के तहत 25 करोड़ शून्य राशि वाले जनधन खाते खोले गये।
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सभी तरह के खातों की जांच कर रहा है विभाग
- सूत्रों ने कहा कि इनकम विभाग सभी श्रेणी के खातों की जांच कर रहा है और ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत संदिग्ध जमा के लिये एसएमएस/ई-मेल भेजेगा।
- सूत्र ने कहा, हमने अपने डाटा के आधार पर शुरू में एक करोड़ खातों का मिलान किया और पांच लाख रुपए से अधिक के संदिग्ध जमा वाले 18 लाख लोगों की पहचान की।
- हम आंकड़ों के विश्लेषण का दायरा बढ़ाएंगे और अपने डाटा बेस से प्रोफाइल का मिलान करेंगे।
- करदाताओं की परेशानी को कम करने के इरादे से राजस्व विभाग ने यह व्यवस्था की है कि नोटबंदी के बाद बैंक जमा के बारे में असंतोषजनक जवाब के मामले में केवल सहायक आयुक्त और उससे उपर के अधिकारी ही नोटिस जारी करेंगे।
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18 लाख लोगों को विभाग ने भेजे SMS/ई-मेल
- इनकम टैक्स विभाग द्वारा 31 जनवरी से शुरू ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत विभाग ने 18 लाख लोगों को SMS और ईमेल भेजा है।
- ये वे लोग हैं जिन्होंने 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच पांच लाख रुपए या उससे अधिक राशि बैंक खातों में जमा की।
- अगर विभाग करदाता के जवाब से संतुष्ट होता है तो मामले को बंद कर दिया जाएगा और इस बारे में SMS और ई-मेल के जरिए सूचना दे दी जाएगी।
- लेकिन असंतोषजनक जवाब के मामले में सहायक आयुक्त और आयुक्त स्तर के अधिकारी आगे नोटिस जारी करने का फैसला करेंगे।