नई दिल्ली: आयकर विभाग ने सिंथेटिक यार्न (धागे) और पॉलिएस्टर चिप्स के एक निमार्ता एवं वितरक के एक तलाशी तथा जब्ती अभियान चलाया। विभाग के अनुसार, कंपनी का दिल्ली में कॉपोर्रेट कार्यालय है, जबकि दादरा और नगर हवेली एवं गुजरात के दाहेज में कारखाने हैं। तलाशी के दौरान,अपराध सिद्ध करने वाले कई दस्तावेज, अनियमित बहीखाता, डिजिटल साक्ष्य आदि मिले हैं, जिनसे समूह की बेहिसाब लेनदेन में संलिप्तता का पता चलता है। नियमित खातों के बाहर लेनदेन, नकद खरीद, बिक्री को छिपाने और फर्जी पक्षों को बिक्री की बुकिंग के पर्याप्त सबूत भी मिले हैं।
विभाग ने एक बयान में कहा कि समूह ने पिछले कुछ वर्षों में बहीखाते में 380 करोड़ रुपये के अपने बेहिसाबी धन को फर्जी इकाइयों के माध्यम से असुरक्षित ऋण के रूप में दशार्या है। इसके अलावा, उसके बहीखाते में शेयर प्रीमियम के रूप में शेल इकाइयों के माध्यम से 40 करोड़ रुपये की राशि भी दिखाई गई है। शेल इकाइयों के निदेशकों और लेखा परीक्षकों ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि उन इकाइयों का इस्तेमाल मूल रूप से आवास संबंधी प्रवृष्टियां प्रदान करने के लिए किया गया था।
अंगाड़िया के माध्यम से नकद खरीद के पर्याप्त सबूत और नकदी के लेनदेन का खुलासा करने वाले दस्तावेज बरामद किए गए हैं। 154 करोड़ रुपये की फर्जी खरीद की बुकिंग के साक्ष्य का भी पता चला है। तलाशी के दौरान बेहिसाबी आभूषण मिले हैं और 11 लॉकर पर रोक लगा दी गई है। तलाशी अभियान अब भी जारी है और जांच का काम चल रहा है।