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इनकम टैक्‍स विभाग ने वित्‍त वर्ष 2016-17 में लगाया 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता

इनकम टैक्‍स विभाग ने वित्‍त वर्ष 2016-17 में 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया है। वित्‍त राज्‍य मंत्री ने आज यह जानकारी संसद में दी।

Abhishek Shrivastava
Published : August 08, 2017 21:05 IST
इनकम टैक्‍स विभाग ने वित्‍त वर्ष 2016-17 में लगाया 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता
इनकम टैक्‍स विभाग ने वित्‍त वर्ष 2016-17 में लगाया 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता

नई दिल्ली। इनकम टैक्‍स विभाग ने वित्‍त वर्ष 2016-17 में 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया है। वित्‍त राज्‍य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने आज यह जानकारी संसद में दी। उन्‍होंने बताया कि सर्वे के जरिये इस अघोषित आय का पता लगाया गया है।

एक प्रश्न के लिखित उत्‍तर में उन्होंने बताया कि पिछले वित्‍त वर्ष में कम से कम 1.26 करोड़ नए करदाता बने हैं। पिछले वित्‍त वर्ष में आयकर विभाग ने 1,152 समूहों के 5,102 परिसरों में तलाशी ली, जिस दौरान 15,496 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया।

गंगवार ने कहा कि समान अवधि के दौरान किए गए 12,526 सर्वे में 13,715 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगाया गया। उन्होंने कहा कि नौ नवंबर 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच कुल 1.96 करोड़ इनकम टैक्‍स रिटर्न भरे गए, जबकि वर्ष 2015-16 की समान अवधि में 1.63 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे।

एक अन्‍य उत्‍तर में गंगवार ने कहा कि ऑपरेशन क्‍लीन मनी के पहले चरण में 18 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जिनका नगद लेनदेन उनके टैक्‍स प्रोफाइल से मेल नहीं खाता है। सरकार ने कालेधन को समाप्‍त करने के लिए 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था और इन नोटों को बैंक खाते में जमा करने के लिए कहा था।

गंगवार ने बताया कि नोदबंदी के बाद अघोषित आय का पता लगाने के लिए इनकम टैक्‍स विभाग ने ऑपरेशन क्‍लीन मनी लॉन्‍च किया था। इसके दूसरे चरण में, जो मई में लॉन्‍च किया गया था, विभाग ने जोखिम आधारित श्रेणी बनाई थी। एक लाख लोगों को उच्‍च जोखिम श्रेणी में रखा गया है। 7.54 लाख को मध्‍यम जोखिम और 5.95 लाख लोगों को निम्‍म जोखिम वर्ग में रखा गया है।

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