नई दिल्ली। शैल कंपनियों की आड़ लेकर करोड़ों रुपये का घपला करने के आरोप में चीन के नागरिक, कंपनियों और उनके भारतीय सहयोगियों के ठिकानों पर आयकर विभाग ने आज छापे मारे। आरोप है कि कुछ भारतीयों की मदद से चीनी नागरिक ने अपनी पहचान छुपा कर कई शैल कंपनियों का गठन किया और इन कंपनियों की मदद से हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों रुपये के गैरकानूनी ट्रांजेक्शन किए। शैल कंपनियां वो कंपनियां होती है जिनका गठन किसी कामकाज के लिए नहीं होता बल्कि इनका इस्तेमाल वास्तव में सिर्फ रकम को छुपाने, गैर कानूनी लेन देन करने या रकम के मूल स्रोत को छुपाने के लिए होता है।
आयकर विभाग के मुताबिक इस तलाशी अभियान को एक ठोस सूचना मिलने के बाद अंजाम दिया गया। सूचना के मुताबिक चीनी नागरिक और उनके भारतीय सहयोगी शैल कंपनियों की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेन देन में शामिल हैं। इसी जानकारी के आधार पर विभाग ने दिल्ली गाजियाबाद और गुरूग्राम में रिटेल शॉप, बैंक अधिकारी, चार्टेड अकांउटेंट और व्यापारियों के 24 ठिकानों पर ये छापेमारी की। इस छापेमारी में पता चला कि चीन के लोग भारत में बैंक अधिकारियों, चार्टेड अकाउंटेंट के साथ मिल कर हवाला और मनी लॉड्रिंग का कारोबार चला रहे है जांच में पता चला कि चीनी नागरिकों ने शैल कंपनियों में 40 बैंक खाते खोले। इन बैंक खातों की मदद से 1000 करोड़ रुपये हवाला कारोबार किया गया। वहीं चीनी नागरिक ने सब्सिडियरी कंपनियों के जरिए शैल कंपनियों से 100 करोड़ रुपये का बोगस एडवांस भी लिया जिसकी मदद से भारत में रिटेल शोरूम खोले गए। तलाशी अभियान में विभाग को हवाला से जुड़े दस्तावेज और गैरकानूनी गतिविधियों में बैंक कर्मचारियों, सीए के शामिल होने से जुड़े सबूत भी मिले हैं।
भारत सरकार के चीनी कंपनियों की एप्लिकेशन को बंद करने के बाद भारत में रह रहे चीन के नागरिकों के चल रहे अवैध कारोबार पर ये पहला बड़ा एक्शन है।