नई दिल्ली। फेसबुक पर अपनी अमीरी का ढिंढोरा पीटना और रईशगिरी दिखाना आपके लिए महंगा पड़ सकता है। अगर आप शोशल मीडिया पर विदेश घूमने वाले फोटो, नई कार का फोटो या विडियो, नये घर के बारे में जानकारी या 5 स्टार होटल में ठहरने वाली तस्वीरें अपलोड करेंगे तो आयकर विभाग आपसे इस तरह के खर्चों के लिए इस्तेमाल हुए पैसों के सोर्स के बारे मे पूछ सकता है।
आयकर विभाग की नजर खासतर उन लोगों पर है जो इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करते, खासकर उन लोगों पर तो ज्यादा नजर है जिनपर विभाग को पहले से शक है। दरअसल टैक्स डिफॉल्टरों की तलाश के लिए आयकर विभाग अबतक परंपरागत स्रोतों से मिलने वाली जानकारियों पर ही निर्भर रहता था। लेकिन अब आयकर विभाग दूसरे स्रोतों से भी जानकारियों जुटाने में लग जाएगा और इन स्रोतों में सोशल मीडिया अहम है। सूत्रों के मुताबिक अगस्त की शुरुआत से ही आयकर विभाग इस योजना पर काम करना शुरू कर देगा।
गैर परंपरागत स्रोतों से मिलने वाली जानकारी को इकट्ठा कर टैक्स अधिकारी यह जानने की कोशिश करेंगे कि जिसके बारे मे जानकारी मिली है वह आयकर भरता है या नहीं, अगर आयकर भरता है तो रिटर्न में दी गई जानकारी क्या सोशल मीडिया या दूसरे गैर परंपरागत स्रोतों से मिलने वाली जानकारी से मेल खाती है या नहीं। बताया जा रहा है कि गैर परंपरागत जानकारियों को इकट्ठा करने के लिए सरकार ने करीब 1000 करोड़ रुपए की लागत से प्रोजेक्ट इनसाइट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट के जरिए आयकर विभाग बिना रेड डाले टैक्स चोरों को पकड़ सकता है।