मुंबई। सौ से अधिक कैंसर अस्पतालों के जाने-माने कैंसर रोग विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से GST व्यवस्था के तहत बीड़ी को अहितकर वस्तुओं की सूची में डालने की अपील की है और कहा है कि यह सस्ता तंबाकू उत्पाद देश में धूम्रपान से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है।
सरकारी वित्तपोषित नेशनल कैंसर ग्रिड के तत्वाधान में कैंसर चिकित्सकों एवं 108 कैंसर अस्पतालों की यह मांग सोमवार को होने वाली GST परिषद की बैठक से पहले आयी है। इस बैठक में नुकसान पहुंचाने वाली अहितकर वस्तुओं समेत विभिन्न वस्तुओं की GST दरें तय होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में वस्तुओं और सेवाओं को GST व्यवस्था के तहत पांच स्लैब में रखने को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। यह भी पढ़ें :GDP ग्रोथ 2017-18 में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान, उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे आगे
यह आह्वान मीडिया की इस खबर के बाद आया है कि सरकार तंबाकू किसानों के हितों की रक्षा के लिए बीड़ी को अहितकर वस्तुओं और अतिरिक्त उपकर सूची से बाहर रख सकती है। यह भी पढ़ें :टैक्सी मालिकों, चालक संघों के खिलाफ 12 करोड़ रुपए की नुकसान भरपाई का मामला लेकर हाई कोर्ट पहुंची उबर
टाटा मेमोरियल सेंटर की अगुवाई वाले 108 कैंसर सेंटरों के चिकित्सकों ने मोदी को भेजे पत्र में GST व्यवस्था में बीड़ी पर निम्न कर लगाने की गंभीर विसंगति को समाप्त करने का अनुरोध किया है क्योंकि अकेले बीड़ी पीने से हर साल छह लाख लोगों की जान चली जाती है या कैंसर से होने वाली मोतों में 60 फीसदी की वजह तंबाकू है।