नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने अपने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस उपलक्ष्य में सरकार अपने कार्यों को जनता के सामने रख रही है। इसी कड़ी में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अपने मन की बात एक लेख में लिखी है। उन्होंने कहा कि तीसरे साल में और अनेक महत्वपूर्ण विधेयक आएंगे और नए नीति निर्धारक कदम उठाए जाएंगे।
पढि़ए अरुण जेटली का लेख –
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने अपना दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अपने कार्यकाल के मध्य में पहुंचने वाली किसी भी सरकार के लिए यह सामान्य बात है कि वह अपने भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा को और मजबूती प्रदान करे। मोदी सरकार के लिए पहले दो वर्ष स्लॉग ओवर (क्रिकेट की पारी के आखिरी ओवर, जिनमें बल्लेबाज तेजी से रन बटोरने का प्रयास करते हैं) की तरह रहे। यह सरकार एक विशेष माहौल में बनी थी। संप्रग सरकार ने नीतियां बनाने का काम त्याग दिया था। लोकसभा में निर्णायक बहुमत मिलने से नई सरकार के लिए फैसले लेना आसान हो गया। प्रधानमंत्री स्वभावत: से निर्णायक व्यक्तित्व के हैं। ऐसे में प्रशासन चलाने का तरीका बदल गया।
प्रधानमंत्री ने अपनी मजबूत पकड़ के साथ देश को एक ऐसी सरकार दी जो पहले की सरकारों से भिन्न है। भारत को निवेश की जरूरत थी। निवेश से ही आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत होती है। संप्रग सरकार के दौरान बैंकों और निजी क्षेत्र की कंपनियों ने अपनी स्थिति तंग कर ली और उनके पास संसाधन नहीं रह गए। निवेश का जोर मुख्यत: भारत के ढांचागत, ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्रों पर रहा। राजमार्ग क्षेत्र फिर से फलने फूलने लगा। देश के ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर इस वर्ष पहले के मुकाबले तीन गुना अधिक राशि खर्च होगी। 25 नए क्षेत्रीय हवाई अड्डे तैयार किए जाएंगे। रेलवे को मजबूत किया जा रहा है। 400 प्रमुख स्टेशनों को आधुनिकतम बनाकर भारतीय रेलवे का कायाकल्प किया जाएगा।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने जाने के बाद यह आजादी के बाद अब तक के सबसे बड़े कर सुधारों में शामिल होगा। इससे देशभर में वस्तु एवं सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी। इससे कर चोरी रुकेगी, आधिक कर एकत्र हो सकेगा और जीडीपी का आकार बढ़ेगा। बैंकिंग क्षेत्र का काफी विस्तार हुआ है। छोटे बैंकों और पेमेंट बैंकों ने उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प पेश किए हैं। ऐसे बैंकों के लिए लाइसेंस का अवेदन अब किसी समय किया जा सकता है। दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता कानून, सरफेसी कानून और ऋण उगाही पंचाट को मजबूत कर बैंकों को अपनी बकाया धनराशि वसूलने में काफी सहूलियत होगी। अगले एक वर्ष में सरकार बहुत से और महत्वपूर्ण विधेयक लाएगी और नए नीति निर्धारक कदम उठाए जाएंगे। हमारा प्रयास होगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकास करे। हमने दुनिया को दिखा दिया है कि हम एक अलग तरह की सरकार हैं और हम प्रगति की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।