नई दिल्ली। नए साल में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय कारोबार सुगमता के मामले में देश की रैंकिंग सुधारने के लिए भारी भरकम कंपनी कानून में कुछ और बदलाव कर सकता है। इसके साथ ही मंत्रालय कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) खर्च के मानदंडों में और स्पष्टता लाने की भी तैयारी कर रहा है। कंपनी कानून 2013 में इस साल भी कई बदलाव किए गए हैं। इसके बावजूद उद्योग जगत इसको लेकर कुछ असंतुष्ट लगता है। उद्योग जगत चाहता है कि कारोबार करना आसान बनाने के लिए इसमें कुछ और बदलाव किए जाएं। नया कंपनी कानून वर्ष 2013 में लाया गया और इसने 60 साल पुराने कानून की जगह ली है।
मंत्रालय ने नए साल में योजना बनाई है कि नई कंपनी शुरू करने में लगने वाला समय कम कर एक-दो दिन होना चाहिए। मौजूदा कैंलेडर वर्ष 2015 में यह समय पहले ही आधा कर चार-पांच दिन कर दिया गया है, जबकि इससे पहले नई कंपनी शुरू करने में 9-10 दिन का समय लगता था। विश्व बैंक के कारोबार सुगमता के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में नई कंपनी अथवा कारोबार शुरू करने में 29 दिन का समय लगता है, जो काफी अधिक है। भारत में इतना समय किसी व्यवसाय को कानूनी रूप से शुरू करने और उसके लिए प्रक्रिया पूरी करने में लगता है। कारोबार सुगमता के मामले में भारत इस समय 155वें स्थान पर है। पिछले साल यह 164वें स्थान पर था।
कारोबार सुगमता के मामले में भारत की सकल स्थिति में चार पायदान का सुधार हुआ है और यह आगे बढ़कर 130वें स्थान पर आ गया। मोदी सरकार ने इस मामले में शीर्ष 50 में अपना स्थान बनाने का लक्ष्य रखा है। नए कंपनी कानून से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के साथ ही कंपनियों में नए लेखा मानकों के लिए भी जमीन तैयार की जा रही है और इन्हें अप्रैल 2016 से लागू करने की योजना पर काम हो रहा है। ये लेखा मानक अंतरराष्ट्रीय व्यवहारों के अनुरूप होंगे।