सोशल मीडिया पर वायरल फर्जी संदेश के चलते मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में अंधविश्वास का अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला है। तालाब में डूबकर मरे दो भाइयों के शवों को एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में इस भ्रम में खड़े नमक में रात भर दबाकर रखा गया कि ऐसा करने से वे दोबारा जी उठेंगे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि हैरान कर देने वाला यह वाकया जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सांवेर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में का हैं।
सांवेर, प्रदेश के लोक स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट का चुनाव क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि तालाब में रविवार को नहाने के दौरान दो सगे भाई-कमलेश (20) और हरीश (18) डूब गये थे। उन्हें तालाब से बाहर निकालकर सांवेर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, तो डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि मृत युवकों के परिजनों ने सोशल मीडिया पर वायरल एक सन्देश का हवाला देते हुए दोनों शवों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब दो क्विंटल खड़े नमक से रात भर के लिये ढंक दिया। इस सन्देश के जरिये अफवाह फैलायी जा रही है कि डूबकर मरा व्यक्ति खड़े नमक में दबाये जाने से दोबारा जिंदा हो सकता है। चंद्रावतीगंज पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि कल सोमवार को दोनों युवकों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके बाद इन्हें अंतिम संस्कार के लिये परिजनों को सौंप दिया गया। इनकी अंत्येष्टि हो चुकी है।
बहरहाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सगे भाइयों के शवों को नमक में दबाकर रखे जाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। घटना के बारे में पूछे जाने पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "मुझे मामले की जानकारी मिली है। डॉक्टरों ने मुझे बताया है कि ग्रामीणों की भारी भीड़ के दबाव के चलते वे लाचार थे। इसलिये वे दोनों युवकों के शवों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नमक में दबाये जाने की अंधविश्वासपूर्ण घटना रोक नहीं सके।" जड़िया ने कहा कि मामले में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी (बीमएओ) से जवाब तलब कर उचित कदम उठाये जायेंगे।