मुंबई। रिजर्व बैंक ने सीमापार सौदे करने वाली स्टार्टअप्स कंपनियों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की है। केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि किसी तरह की सलाह लेने के लिए संबंधित इकाइयों को रिजर्व बैंक को पूर्ण सूचना उपलब्ध करानी होगी और उन विशेष मुद्दों का उल्लेख करना होगा, जिसमें विदेशी विनिमय प्रबंधन नियमनों के तहत दिशा-निर्देशन चाहते हैं। इसमें कहा गया है कि स्टार्टअप्स उद्यम व्यापक सीमापार सौदे करते हैं। इनमें निवेश संबंधी मामले भी होते हैं।
बैंकिंग ओम्बुड्समैन के शिकायत का निपटान करने की कोई समयसीमा नहीं
बैंकिंग ओम्बुड्समैन योजना के तहत शिकायतों का निपटान करने के लिए कोई समयसीमा नहीं है। रिजर्व बैंक ने इसके साथ कहा कि यह प्रणाली ग्राहकों की बैंकों के खिलाफ आम शिकायतों का निपटान करती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विभिन्न बैंकों के खिलाफ 9,500 से अधिक शिकायतें लंबित हैं। संशोधित बैंकिंग ओम्बुड्समैन योजना, 2006 सभी वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंकों पर लागू होती हैं। इसके जरिये ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड, आवास ऋण, बैंक के बिक्री एजेंट द्वारा किए गए वादे तथा सेवाओं की आपूर्ति में देरी से संबंधित शिकायतों का निपटान करने में मदद मिलती है।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंकिंग ओम्बुड्समैन योजना 2006 के तहत शिकायत के निपटान के लिए कोई विशेष समयसीमा तय नहीं की गई है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि 13 दिसंबर, 2015 तक 9,508 शिकायतें निपटान के लिए लंबित थीं। रिजर्व बैंक ने कहा कि इस साल 1 जनवरी से 13 दिसंबर तक देशभर में बैंकिंग ओम्बुड्समैन को 87,683 शिकायतें मिलीं। रिजर्व बैंक की 2014-15 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष के दौरान कुल 88,438 शिकायतों को देखा गया। इनमें से 84,660 शिकायतों का निपटान किया गया। दिलचस्प तथ्य यह है कि 87 मामलों में ओम्बुड्समैन ने बैंकों के खिलाफ फैसला दिया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 2013-14 और 2012-13 में क्रमश: 82,052 और 75,183 शिकायतें मिलीं। इनमें से 78,745 और 69,704 शिकायतों का निपटान किया गया। देशभर में 15 बैंकिंग ओम्बुड्समैन हैं।