नई दिल्ली। विनिर्माण तथा गैर टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर माह में घटकर 3.6 फीसदी रह गई। यह इसका चार महीने का निचला स्तर है। ताजा आंकड़ों के आधार पर इस बार अगस्त माह की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर (आईआईपी) को घटा कर कर 6.2 फीसदी कर दिया गया है। प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर पहले इसके 6.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल सितंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 2.6 फीसदी थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर पहली छमाही में औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर चार फीसदी बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 2.9 फीसदी थी। आईआईपी में 75 फीसदी से भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर इस वर्ष सितंबर में 2.6 फीसदी रही। पिछले साल इसी महीने में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन साल भर पहले की तुलना में 2.7 फीसदी बढ़ा था।
सितंबर महीने में गैर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 4.6 फीसदी घटा है। सितंबर, 2014 में इस क्षेत्र का उत्पादन 1.3 फीसदी बढ़ा था। खनन क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर में तीन फीसदी रही, जो पिछले वित्त वर्ष के समान महीने में 0.1 फीसदी रही थी। निवेश के वातावरण का संकेत देने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन सितंबर में 10.5 फीसदी बढ़ा है। पिछले साल इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 12.3 फीसदी बढ़ा था। सितंबर में बिजली क्षेत्र के उत्पादन में 11.4 फीसदी की बढ़ोत्तीर हुई है, जबकि एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 3.9 फीसदी बढ़ा था।
सितंबर, 2015 में कुल उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन 0.6 फीसदी बढ़ा, जबकि पिछले साल समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन चार फीसदी घटा था। इसी महीने में टिकाऊ उपभोक्ता सामान उद्योग की वृद्धि दर 8.4 फीसदी रही, जबकि पिछले साल समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 11.1 फीसदी घटा था।