नई दिल्ली। सरकार रेल यात्रा को अधिक तेज और सुरक्षित बनाने के लिए इस बार बजट में दिल्ली से हावड़ा और मुंबई मार्ग पर रेल लाइनों की बाड़बंदी, रेल मार्गों तथा पुलों की मजबूती के लिए विशेष पर्याप्त कोष आवंटन करने की घोषणा कर सकती है। अधिकारियों का कहना है कि आम बजट 2017-18 में रेलवे होल्डिंग कंपनी बनाने का भी प्रस्ताव किया जा सकता है।
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92 साल बाद आम बजट के साथ पेश होगा रेल बजट
- अलग रेल बजट की 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ कर इस बार इसे आम बजट में ही मिलाया जा रहा है।
- वित्त मंत्री अरण जेटली पहली फरवरी को बजट पेश करेंगे जिसमें भारतीय रेल की गतिविधियों, प्रस्तावित बड़ी परियोजनाओं और रेलवे के आय व्यय का मोटा ब्योरा शामिल किया जा सकता है जो करीब दो पृष्ठ में होने की संभावना है।
- भारतीय रेल प्रमुख मार्गों पर गाडि़यों की रफ्तार 160 किलोमीटर तक बढ़ाने के उपाय करने में लगी है।
- इसके लिए पहले दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई मार्ग पर बाड़बंदी के कदम उठाए जा रहे हैं।
- इसमें प्रति किलोमीटर 45 लाख रुपए का खर्च आने का अनुमान है।
ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने के लिए बाड़बंदी है जरूरी
- रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस योजना को देश में रेलवे नेटवर्क के विकास और परिचालन सुरक्षा की दृष्टि से एक बुनियादी बदलाव बताया।
- उसने कहा कि रेल पटरियों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे अधिक की रफ्तार से गाडि़या चलाने के लिए पूरे मार्ग में लाइनों के दोनों तरफ सुरक्षा बाड़ लगाना जरूरी है।
- इससे पटरियों पर घुसपैठ और पटरियों पर पशुओं के प्रवेश पर रोक लगेगी।
- अधिकारी ने कहा कि इन प्रमुख मार्गों पर रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाई जा सकती है।
- इस अधिकारी के अनुसार बजट पत्र में रेल पटरियों की बाड़बंदी एक प्रमुख घोषणा हो सकती है।
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सिग्नल प्रणाली और रेलवे क्रॉसिंग पर खर्च हो सकता है 21,000 करोड़
- दिल्ली मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग की बाड़बंदी के अलावा सिग्नल प्रणाली के उन्नयन, बिना फाटक वाली सड़क क्रासिंग को खत्म करने के काम पर करीब 21,000 करोड़ रपये का खर्च आने का अनुमान है।
- एक व्यावहारिकता अध्ययन के मुताबिक ये दोनों बड़े कमाऊ मार्ग हैं ऐसे में इन पर इस प्रकार का निवेश लाभदायक रहेगा।
- दिल्ली से हावड़ा वाले रेल मार्ग पर रिटर्न की दर 18 प्रतिशत और मुंबई मार्ग पर 14.7 प्रतिशत है।
- दिल्ली-मुंबई मार्ग में बड़ौदा-अहमदाबाद खंड और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर कानपुर लखनउ खंड को भी शामिल किया जाएगा।
- बाद में मुंबई-चेन्नई रेलमार्ग की भी बाड़बंदी की जाएगी।
- रेलवे ने अपने नेटवर्क की सुरक्षा पर पांच साल में खर्च के लिए सरकार से 1.19 लाख करोड़ रुपए मांग की है।
- पहले साल के लिए वित्त मंत्रालय 20,000 करोड़ रुपए आवंटित कर सकता है।