नई दिल्ली। आयकर विभाग ने ब्रिटेन की तेल कंपनी केयर्न एनर्जी के खिलाफ 10,247 करोड़ रुपये के बकाया कर की वसूली के लिए सख्त कार्रवाई शुरू की है जिसमें उसका 2,000 रुपए का लाभांश और रिफंड जब्त करने का आदेश शामिल है। कंपनी ने पिछली तारीख से प्रभावी कानून में संशोधन के तहत आयकर विभाग के कर नोटिस को अंतरराष्ट्रीय पंच-निर्णय अलादत में चुनौती दी है। आर्बिट्रल कोर्ट का निर्णय केयर्न के खिलाफ जाने के बाद आयकर विभाग ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।
एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि आयकर विभाग ने केयर्न एनर्जी को मिलने वाले 1,500 करोड़ रुपए के रिफंड को उसके खिलाफ कर के बकाए की मूल राशि के साथ पहले ही समायोजित कर लिया है। आयकर विभाग ने 16 जनवरी को वेदांता इंडिया लि (पूर्व में केयर्न इंडिया लि.) को धारा 2263 के तहत नोटिस भेज कर कहा था कि उसे ब्रिटेन की कंपनी को लाभांश के रूप में केयर्न एनर्जी को जो भुगतान करना है उसे सरकार को हस्तांतरित किया जाए। सूत्रों के अनुसार ब्रिटेन की कंपनी को देय पुराने और वर्तमान लाभांश की यह राशि 10.4 करोड़ डॉलर यानी 650 करोड़ रुपए बनती है। यह राशि कल-परसों में सरकार के खजाने में हस्तांतरित की जा सकती है।
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सूत्रों ने कहा कि पंच-निर्णय अदालत ने आयकर विभाग को वसूली की सख्त कार्वाई शुरू करने से रोकने और लाभांश जारी करने का आदेश देने की कर्यन एनर्जी की अर्जी को नामंजूर कर दिया। सूत्रों ने बताया कि कर विभाग अब केयर्न एनर्जी की केयर्न इंडिया (अब वेदांता इंडिया लि.) में बची 9.8 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने नियंत्रण में ले लेगी। केयर्न एनर्जी ने भारत में अपनी पूर्व अनुषंगी कंपनी केयर्न इंडिया को अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता समूह को बेच दिया है पर उसमें अभी ये थोड़े शेयर उसके पास पड़े हैं। सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग के कर आकलन अधिकारी कर की वसूली के लिए निर्णय प्रक्रिया शुरू कर दी है और उसके बाद शेयरों के अधिग्रण और बिक्री की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
आयकर विभाग ने आर्बिट्रल कोर्ट में केयर्न की अर्जी खारिज होने के बाद गत 31 मार्च को केयर्न एनर्जी को 10,247 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी कर 15 जून तक भुगतान करने को कहा था। कंपनी को भेजे एक ई-मेल के जवाब में कंपनी ने आयकर विभाग की इस कार्रवाई की पुष्टि की है और कहा है कि आयकर विभाग ने वेदांता इंडिया लि. को आदेश दिया है कि वह अपनी ओर से केयर्न को दिए जाने वाले किसी भी धन को सरकार को दे। यह बकाया 10.4 करोड़ डॉलर के बराबर है। इसमें 5.3 करोड़ डॉलर का पुराना लाशांश है और 5.1 करोड़ डॉलर का लाभांश केयर्न इंडिया का वेदांता समूह में विलय के बाद का है।
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केयर्न एनर्जी ने 2006 में भारत में अपने कारोबार के शेयर एक नई कंपनी केयर्न इंडिया खड़ी कर उसे हस्तांतरित किए थे। उस पुनर्गठन में हुए पूंजीगत लाभ पर आयकर विभाग ने पिछली तिथि से प्रभावी कानून संशोधन के तहत कंपनी को कर मांग का नोटिस भेजा था। कंपनी ने आयकर विभाग की कार्वाई को नीदरलैंड की अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रल कोर्ट में चुनौती दी थी।