Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. IMF दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत को लेकर चिंतित, ये हैं 5 बड़े कारण

IMF दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत को लेकर चिंतित, ये हैं 5 बड़े कारण

भारत इस महीने आर्थिक उदारीकरण का 25वां साल मना रहा है, लेकिन इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (आईएमएफ) दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : July 26, 2016 9:11 IST
DO BETTER: IMF दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत को लेकर चिंतित, ये हैं 5 बड़े कारण
DO BETTER: IMF दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत को लेकर चिंतित, ये हैं 5 बड़े कारण

नई दिल्ली। भारत इस महीने आर्थिक उदारीकरण का 25वां साल मना रहा है, लेकिन इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (आईएमएफ) दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित है। 24 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (भारत) जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उसका नकारात्क असर ग्रोथ पर पड़ेगा। यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब वाशिंगटन डीसी स्थित संगठन ने 2016-17 के लिए भारत की जीडीपी के अनुमान को 7.5 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है। हम आपको बताने जा रहे हैं वो पांच कारण जिससे मोनेट्री फंड चिंतित है।

IMF ने घटाया भारत की वृद्धि दर का अनुमान, 2016-17 में 7.4 फीसदी रहेगी GDP ग्रोथ

सुधारों की गति धीमी

आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था रिफॉर्म्स की धीमी गति की मार झेल रही है। मोनेट्री फंड ने कहा कि महत्वपूर्ण विधेयक सालों से अधर में लटके हैं। उदाहरण के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल पास करवाना है लेकिन अभी भी संसद में पारित नहीं हो सका है। जीएसटी कंपनियों और निवेशकों के लिए टैक्स नियमों को आसान कर देगा जिससे विदेशी निवेश आकर्षित हो सकेंगे। व्यापक टैक्स सुधार से भारत का राजकोषीय में सुधार आएगा।

भारत में सुधारों की गति मंद: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष

कमजोर बैलेंस शीट

आईएमएफ ने कहा कि भारतीय कंपनियों और बैंकों के कमजोर बैलेंस शीट को सुधारना जरूरी है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय कंपनियां भारी कर्ज के तले दबी है वहीं बैंक बड़े पैमाने पर बैड लोन से जुझ रहे हैं। इससे जीडीपी ग्रोथ घटने का खतरा है। उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे ब्राजील, भारत और तुर्की में कॉरपोरेट लाभ काफी बढ़ गया है।

एक्सपोर्ट में गिरावट बड़ी चिंता

इंटरनेशनल मोनेट्री फंड के अनुसार भारत की सुस्त निर्यात चिंताजनक है। आईएमएफ ने कहा कि तेल की कीमतों में गिरावट और ग्लोबल डिमांड में कमी के कारण विदेशी मुद्रा का महत्वपूर्ण स्रोत एक्सपोर्ट में पिछले एक साल से गिरावट देखने को मिल रही है। मोदी सरकार ने 2020 तक 900 अरब डॉलर के निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। लगातार 18 महीनों की गिरावट के बाद जून में एक्सपोर्ट 1.27 फीसदी बढ़ा है। इसे बनाए रखने और तेजी लाने की जरूरत है नहीं तो लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा।         

लेबर मार्केट रिफॉर्म्स

जीएसटी बिल, एक्पोर्ट में बढ़ोतरी और बैलेंस शीट में सुधार ऐसे रिफॉम्स हैं जो कि सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मददगार साबित होंगे। राजस्थान श्रम कानूनों में परिवर्तन करने को लेकर काम कर रहा है। लेकिन  के लिए के माध्यम से राजस्थान जैसे राज्यों ने पाठ्यक्रम पर शुरू किया है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर कुछ भी ऐसा नहीं हो रहा जिससे लेबर मार्केट में रिफॉर्म्स हो सके।

पब्लिक स्पेंडिंग बढ़ाने की जरूरत

आईएमएफ ने कहा सार्वजनिक निवेश और सामाजिक खर्च में बढ़ोतरी जरूरी है। इससे तेज और अधिक समावेशी विकास प्राप्त करने में मदद मिलेगी। वहीं सार्वजनिक खर्च में बढ़ोतरी से मांग को बढ़ावा मिलेगा और नौकरी के अवसर पैदा होंगे। इसका सकारात्मक असर आर्थिक ग्रोथ पर पड़ेगा।

Source: Quartz India

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement