इस्लामाबाद। चीन के पाकिस्तान में लगातार बढ़ते निवेश को लेकर इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) ने चेतावनी जारी की है।आईएमएफ ने कहा कि तंगी से जूझ रही पाकिस्तान की इकोनॉमी को चीन के बढ़ते निवेश से कुछ सहारा जरूर मिलेगा, लेकिन इसके साथ आने वाले रिपेमेंट ऑब्लिगेशन के काफी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
आईएमएफ ने दी चेतावनी
- आईएमएफ ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का यहां की इकोनॉमी पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर इवैल्युएशन किया है।
- आईएमएफ के मुताबिक इन्वेस्टमेंट के शुरुआती फेज में एफडीआई बढ़ेगी और एक्सटर्नल फंड बढ़ेगा।
- इसकी वजह से करेंट अकाउंट घाटा बढ़ने की आशंका है।
- डान न्यूजपेपर में छपी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है।
आएगी निवेश में कमी
- आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) से जुड़ा इंपोर्ट 2020 तक 11 फीसदी तक पहुंच जाएगा।
- यह 5.7 अरब डॉलर के बराबर होगा, लेकिन देश में इन्फ्लो उस साल की अनुमानित जीडीपी का 2.2 फीसदी होगा।
- चीन के इन्वेस्टमेंट की वजह से देश में एक्सटर्नल फाइनेंसिंग नीड्स 60 फीसदी बढ़ जाएंगी।
- ये अनुमानित 11 अरब डॉलर से 2020 तक 17.5 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
- पाकिस्तान में इस प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती तौर पर 27.8 अरब डॉलर रुपए आएंगे जबकि बाकी 16 अरब डॉलर की रकम 2030 तक प्रोजेक्ट पर इन्वेस्ट किया जाएगा।
आउटफ्लोज को मैनेज करना होगा जरूरी
- आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान को सीपीईसी से संबंधित ऑउटफ्लोज को मैनेज करना होगा।
- आईएमएफ ने कहा कि जब चाइनीज इन्वेस्टर्स देश में अपना प्रॉफिट हासिल करना शुरू करेंगे। तब आउटफ्लो बढ़ेगा और उसके साथ रिपेमेंट ऑब्लिगेशंस भी बढ़ेंगे।
- यह ऑब्लिगेशन चीनी बैंकों से लिए गए लोन पर बढ़ेगा।
- आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि 2021 के बाद लोन के बढ़ने की आशंका है और लॉन्ग टर्म में यह हर साल जीडीपी का 0.4 फीसदी हो जाएगा।
चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर से फायदा होगा, गारंटी नहीं
- आईएमएफ ने कहा कि सीपीईसी की वजह से होने वाला ग्रोथ लॉन्ग टर्म में इन पेमेंट्स को भरने में मदद कर सकता है, लेकिन ऐसा पक्का होगा, इसकी गारंटी नहीं है।
- फंड ने कहा है कि अगर इन पेमेंट्स को अगर पाक समय पर करना चाहता है, तो इसके लिए उसे एक्सट्रा ग्रोथ करना होगा।
- भारत भी सीपीईसी प्रोजेक्ट का विरोध कर रहा है। उसका तर्क है कि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से होकर निकल रहा है।