नई दिल्ली। भारत में महंगाई दर 4 या 5 फीसदी होने पर आम लोगों में खलबली मच जाती है। लेकिन यदि आपसे कहा जाए कि दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां महंगाई दर 10 लाख प्रतिशत है तो शायद आपके पसीन छूट जाएं। जी हां, दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां महंगाई इस कदर है कि हर 17वें दिन वस्तुओं के दाम दोगुने हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आशंका जताई है कि इस वर्ष के आखिर तक महंगाई दर 10 लाख प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
अपने खर्चों को पूरा करने के लिए वेनेजुएला की सरकार तेजी से नोट छाप रही है। जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वेनेजुएला पर दबाव और बढ़ता जा रहा है। छोटे-छोटे काम के लिए लोगों को अरबों की संख्या में स्थानीय करेंसी खर्च करनी पड़ रही है। वहीं बहुत से लोग वस्तु विनिमय से काम चला रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पश्चिमी गोलार्ध विभाग के अध्यक्ष अलेजांड्रो वर्नर के मुताबिक वेनेजुएला मौजूदा हालत 1923 में जर्मनी या 2000 के दशक के आखिर में जिंबाब्वे जैसी है। उन्होंने 2018 में वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था 18% घटने का अनुमान जताया। तेल उत्पादन में जारी गिरावट की वजह से लगातार तीसरे वर्ष वहां की इकॉनमी दोहरे अंकों में घटनेवाली है।
वेनेजुएला की करेंसी के हालात इसी बात से पता चलते हैं कि यहां 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 35 लाख बोलिवर (वेनेजुएला की मुद्रा) हो गई है। वित्तीय संकट की वजह से सरकार लगातार नोट छाप रही है जिससे हाइपर इन्फ्लेशन की स्थिति पैदा हो गई और वहां की मुद्रा बोलीवर की कीमत लगातार घट रही है। इससे बचने के लिए लोग वस्तु विनिमय की मदद ले रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नाई बाल काटने के एवज में अंडे और केले ले रहे हैं। कैब सर्विस लेने के लिए सिगरेट का डब्बा देना पड़ रहा है। रेस्ट्रॉन्ट खाना खिलाने के बदले पेपर नैपकिन ले रहा है। अनाज, दूध, दवाइयों और बिजली का घोर अभाव है। इससे वहां पर अपराध और विस्थापन भी बढ़ रहा है।