वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष( आईएमएफ) ने आज कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के दो अस्थायी झटकों के बाद इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज हो सकती है जबकि चीन की वृद्धि रफ्तार धीरे धीरे कम होने की संभावना है। अर्जेंटीना में अगले सप्ताह समूह-20 के वित्त मंत्रियों की बैठक से पहले ‘‘ वैश्विक संभावनायें एवं नीतिगत बदलाव’’ विषय पर जारी एक प्रपत्र में आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि के वापस कमजोर रुख की ओर जाने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार कर बदलावों और ऊंचे संघीय वित्तीय खर्च तथा बेहतर बाह्य मांग के चलते अमेरिका की अर्थव्यवस्था में ऊंची वृद्धि का अनुमान है। प्रपत्र के अनुसार उभरती अर्थव्यवस्थाओं में स्थिति अधिक विषम लगती है। ‘‘चीन में राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों की संभावित वापसी और ऋण मांग के कमजोर पड़ने को देखते हुये चीन में आर्थिक वृद्धि के धीरे धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है जबकि नोटबंदी और जीएसटी क्रियान्वयन जैसे दो महत्वपूर्ण झटकों के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी का रुख दिखाई देता है।
जहां तक उभरते यूरोप की बात है यूरो क्षेत्र से निर्यात मांग बढ़ने और ब्राजील और रूस में अर्थव्यवस्था में सुधार और मजबूत होने की उम्मीद है। बहरहाल, उपभोक्ता जिंस का निर्यात लगातार कमजोर बना रहने का अनुमान है। पश्चिम एशिया और उप- सहारा अफ्रीका क्षेत्र में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और नागरिक असंतोष के चलते वृद्धि में नरमी रह सकती है। दक्षिण अफ्रीका में निवेश की कमी के चलते आर्थिक वृद्धि थम सी गई है।