वाशिंगटन। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की डीजीपी ग्रोथ 7.5 रहने के अपने पहले के अनुमान को कायम रखा है। हालांकि, उसने 2016 के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक को घटाकर 3.4 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने कहा कि अगले दो साल में ग्लोबल इकोनॉमिक की ग्रोथ पटरी से उतर सकती है। खासकर चीन में अगले दो वर्षों के दौरान मंदी और गहराने की संभावना है। ग्लोबल इकोनॉमिक के अनुमान में कटौती की मुख्य वजह क्रूड की कीमतों में आई गिरावट है।
पटरी से उतरेगी ग्लोबल इकोनॉमी
वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) पर अपने अपडेट में आईएमएफ ने कहा है कि 2016 में चीन की ग्रोथ की रफ्तार घटकर 6.3 फीसदी रह जाएगी। वहीं, 2017 में यह और घटकर छह फीसदी पर आ सकती है। हालांकि, इस दौरान भारत अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ता रहेगा। ग्लोबल ग्रोथ के बारे में आईएमएफ का अनुमान है कि 2016 में यह 3.4 फीसदी रहेगी और 2017 में 3.6 फीसदी।
भारत पर जताया भरोसा
आईएमएफ ने कहा, भारत और एशिया का दूसरे उभरते देश के मुकाबले अच्छी रफ्तार से वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ देशों को चीन के संकट व ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में कमजोरी की वजह से कमजोर स्थिति को झेलना होगा। भारत के लिए आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में 7.3 फीसदी की ग्रोथ रेट के अनुमान को कायम रखा है। आईएमएफ का अनुमान है कि 2016-17 और 2017-18 में यह 7.5 फीसदी रहेगी। इससे पहले अक्टूबर में जारी डब्ल्यूईओ अपडेट में आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.3 फीसदी और 2016-17 में 7.5 फीसदी रहने का ही अनुमान लगाया था। वैश्विक ग्रोथ के मामले में उसने 2016 में इसके 3.6 फीसदी और 2017 में 3.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।