नई दिल्ली। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया है। आईएमएफ ने कहा कि लंबे समय चली आ रही सप्लाई संबंधी बाधाओं को दूर करने और इंक्लूसिव ग्रोथ हासिल करने के लिए प्रोग्रेस की जरूरत है। आईएमएफ की डिप्टी डायरेक्टर (एशिया और प्रशांत विभाग) कल्पना कोचर ने कहा, ‘हम भारत की जीडीपी की रफ्तार को लेकर आशान्वित हैं। महंगाई में कमी आई है, चालू खाते का घाटा काबू में है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा भंडार पर्याप्त है।
पॉलिसी रिफोर्म का मिलेगा फायदा
कोचर ने विभिन्न सकारात्मक घटनाक्रमों को गिनाते हुए कहा कि कई महत्वपूर्ण आर्थिक एवं ढांचागत सुधार के लिए भी पहल की गई है। कोचर के मुताबिक इन सुधारों में डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करना, अधिक लचीले लेबर मार्केट के निर्माण के लिए कदम उठाना, कोयला क्षेत्र में सुधार, ढांचागत क्षेत्र पर खर्च बढ़ाना और वित्तीय समावेश बढ़ाने के लिए कदम उठाना शामिल हैं।
इंक्लूसिव ग्रोथ के लिए इंक्लूसिव ग्रोथ जरूरी
कल्पना कोचर ने कहा, लंबे समय से आ रही सप्लाई संबंधी बाधाओं (खासकर पावर, माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर) को दूर करने और तेज व अधिक इंक्लूसिव ग्रोथ हासिल करने के लिए और प्रगति की जरूरत है। गौरतलब है कि आईएमएफ ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत की जीडीपी को हाल ही में किए गए पॉलिसी रिफोर्मस से फायदा होगा। 2016 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि चीन के लिए उसका अनुमान 6.3 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रेट का है। जबकि आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में भारत की 2015 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो कि जुलाई के अनुमान से 0.2 फीसदी कम है।