वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्पात और अल्यूमीनियम आयात पर भारी शुल्क लगाये जाने के निर्णय से अमेरिका तथा उसके व्यापार सहयोगियों को नुकसान हो सकता है। आईएमएफ ने सभी देशों से व्यापार में असहमति के मुद्दों को रचनात्मक तरीके से दूर करने का आग्रह किया है। ट्रंप ने गुरूवार को कहा था कि वह अमेरिकी उद्योग के हितों की रक्षा के लिए इस्पात पर 25 प्रतिशत तथा अल्यूमीनियम पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाएंगे।
आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा घोषित आयात प्रतिबंध से न केवल अमेरिकी के बाहर नुकसान होगा बल्कि अमेरिका में विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र समेत उसकी अर्थव्यवस्था भी इससे प्रभावित होगी। अमेरिका का विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र अल्यूमीनियम और इस्पात का सबसे बड़ा खपतकर्ता है।
उन्होंने कहा कि आईएमएफ इस बात को लेकर चिंतित है कि अमेरिका के प्रस्तावित उपायों से दूसरे देश भी राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर आयात प्रतिबंध को युक्तिसंगत ठहराएंगे। राइस ने कहा कि हम अमेरिका तथा उसके कारोबारी सहयोगियों को व्यापार बाधाएं कम करने तथा व्यापार को लेकर असहमति को दूर करने को लेकर साथ मिलकर रचनात्मक तरीके से काम करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं।
प्रस्तावित योजना के अनुसार स्टील पर 25 प्रतिशत और अल्यूमीनियम पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा। ये दोनों सामग्री अमेरिका में निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र के लिये ‘लाइफलाइन’ हैं। अमेरिका की इस घोषणा को लेकर प्रमुख सहयोगी देशों - कनाडा, यूरोपीय संघ, आस्ट्रेलिया तथा मेक्सिको ने नाराजगी जताई है। कनाडा तथा जर्मनी दोनों ने शुल्क को अस्वीकार्य करार दिया है।
हालांकि, ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि व्यापार युद्ध बेहतर होते हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, कि अमेरिका को व्यापार में अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है और वह व्यापार की लड़ाई में आसानी से जीत हासिल करेगा।