वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बहु-प्रतीक्षित कोटा सुधार लागू करने की घोषणा की है, जिसे पिछले साल अमेरिकी संसद ने मंजूरी दी थी और इससे भारत तथा चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को ज्यादा मताधिकार मिलेंगे। आईएमएफ ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष द्वारा किया गया सुधार संस्थान के बेहतर संचालन, गतिशील उभरते बाजारों और विकासशील देशों की बढ़ती भूमिका के संबंध में बड़ा कदम है।
बयान में कहा गया कि इससे संस्थान की विश्वसनीयता, प्रभावशालिता और वैधता को मजबूती मिलेगी। पहली बार चारों उभरते बाजार ब्राजील, चीन, भारत और रूस आईएमएफ के 10 सबसे बड़े सदस्यों में शामिल होंगे। सुधार से आईएमएफ की वित्तीय शक्ति और बढ़ेगी और इसका स्थायी पूंजीगत संसाधन दोगुना होकर करीब 659 अरब डॉलर हो जाएगा। आईएमएफ के 10 शीर्ष सदस्यों में अमेरिका, जापान और चार सबसे बड़े यूरोपीय देश फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन शामिल हैं। पहली बार आईएमएफ के निदेशक मंडल में सभी निर्वाचित कार्यकारी निदेशक होंगे, जिससे इनकी नियुक्ति की संभावना खत्म हो गई।
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फिलहाल सबसे अधिक कोटा वाले सदस्य कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति करते हैं। सात या इससे अधिक सदस्यों वाले बहु-राष्ट्रीय खेमे में दूसरे वैकल्पिक कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति की गुंजाइश बढ़ गई ताकि कार्यकारी निदेशक मंडल में इन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो सके। बयान में कहा गया कि इस तरह फिलहाल अफीकी महाद्वीप के दोनों मतक्षेत्रों को मिलाकर 13 मतक्षेत्र अतिरिक्त वैकल्पिक कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति का अधिकार है। आईएमएफ ने कहा कि कोटा की 14वीं आम समीक्षा लागू होने के बाद अब ध्यान कोटे की 15वीं आम समीक्षा और नए कोटा फार्मूला समेत आवश्यक व्यापक सहमति बनाने पर होगा। निदेशक मंडल सुधार संशोधन लागू होने और अन्य शर्तों के पूरा होने पर सदस्य अब अपने बढ़े कोटे के लिए भुगतान कर सकते हैं ताकि इसकी प्रभावशालिता बढ़े। आईएमएफ ने कहा कि यह प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।