नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा है कि 2020 से देश में 660 जिलों के सभी 6500 ब्लॉक के लिए स्थानीय मौसम पूर्वानुमान जारी करने के लिए बहुत तेजी से काम कर रहा है। इसका मकसद अनिश्चित मौसम से लड़ने में 9.5 करोड़ किसानों की मदद करना है। हालांकि आईएमडी ने कहा है कि सबसे चुनौतीपूर्ण काम मौसम अनुमान की सटीकता को बढ़ाना और कृषि मौसम सलाहकार सेवा (एएएस) को अधिक उपयोगी एवं यूजर फ्रेंडली बनाने की होगी।
वर्तमान में, आईएमडी जिला स्तर पर एडवाइजरी जारी करता है। ब्लॉक स्तर पर मौसम अनुमान और कृषि मौसम सलाहकार सेवाओं के विस्तार के लिए आईएमडी ने 2018 में इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) के साथ समझौता किया था। आईएमडी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल एस.डी अत्री ने कहा कि आईसीएआर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद से इस क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। हम लोगों को भर्ती कर रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 200 ब्लॉक में पायलेट प्रोजेक्ट चल रहा है। 2020 तक 660 जिलों के 6500 ब्लॉक तक अपनी सेवा पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मौसम संबंधी नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।
अत्री ने कहा कि आईएमडी के पास जिला स्तर पर 130 कृषि मौसम फील्ड यूनिट का नेटवर्क है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के तहत देशभर में कृषि विज्ञान केंद्रों में अतिरिक्त 530 फील्ड यूनिट स्थापित किए जा रहे हैं। वर्तमान में, 4 करोड़ किसान एसएमएस और एमकिसान पोर्टल के लिए जिला स्तर पर मौसम अनुमान को हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य ब्लॉक स्तर पर सेवा का विस्तार करने के जरिये 2020 तक 9.5 करोड़ किसानों तक यह सेवा पहुंचाने का है।
अत्री ने कहा कि आईएमडी अकेले सभी किसानों तक नहीं पहुंच सकता इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आगे आने और इन्नोवेटिव टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया। आईसीएआर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (एग्रीकल्चर एक्सटेंशन) ए.के. सिंह ने कहा कि कृषि विस्तार गतिविधियों में सरकार, निजी और गैर-लाभकारी संगठनों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।