नई दिल्ली। नकदी संकट से जूझ रही आईएलएफएस समूह की परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना के दौरान पहले दौर की बोलियां सोमवार को खोली जाएंगी। यह कंपनी की समाधान योजना का हिस्सा है।
सूत्रों ने जानकारी दी कि कंपनी के 8,000 करोड़ रुपए के नवीकरणीय ऊर्जा कारोबार के लिए आई बोलियों पर बाद में उसका निदेशक मंडल विचार करेगा। सरकार द्वारा उदय कोटक की अध्यक्षता में गठित किए गए कंपनी के नए निदेशक मंडल ने संकट के समाधान के तहत परिसंपत्ति मौद्रीकरण प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत पहले दौर की बोलियां सोमवार को खुलेंगी।
कंपनी पर करीब 94,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। पिछले साल नवंबर में कंपनी ने अपने सड़क, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में निवेश को बेचने का निर्णय किया था। कंपनी के नवीकरणीय कारोबार के तहत वर्तमान में कुल 873.5 मेगावाट के पवन ऊर्जा संयंत्र परिचालन में हैं, जबकि 104 मेगावाट क्षमता के संयंत्र निर्माणाधीन हैं।
नवीकरणीय कारोबार के तहत उसके सौर ऊर्जा संयंत्र शामिल हैं, जिनमें करीब 300 मेगवाट क्षमता के संयंत्र निर्माणाधीन हैं।