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IL&FS scam: ED ने दायर की पहली चार्जशीट, कुर्क की 570 करोड़ रुपए की संपत्ति

ईडी ने आरोपपत्र में कहा कि आईएलएंडएफएस का वरिष्ठ प्रबंधक/अधिकारी कमिशनखोरी जैसे गैरकानूनी कृत्य में लिप्त था तथा कंपनी की लागत पर निजी फायदा कमाया।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 17, 2019 15:57 IST
IL&FS scam: ED files first chargesheet, attaches Rs 570 crore assets of directors - India TV Paisa
Photo:IL&FS SCAM

IL&FS scam: ED files first chargesheet, attaches Rs 570 crore assets of directors 

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईएलएंडएफएस के ऋण भुगतान में चूक करने के मामले में पहला आरोप-पत्र दायर किया है। ईडी पहले ही इस मामले में करीब 570 करोड़ रुपए की संपत्तियों की कुर्की कर चुका है। अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुंबई में एक विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को यह आरोपपत्र दायर किया गया। ईडी इसी अधिनियम के तहत कई संपत्तियों, बैंक खातों तथा दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और ब्रुसेल्स में स्थित कई अचल संपत्तियों को भी कुर्क करने के प्राथमिक आदेश जारी कर चुका है। ये अचल संपत्तियां वाणिज्यिक और आवासीय हैं तथा आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशकों रवि पार्थसारथी, रमेश बावा, हरि शंकरन, अरुण साहा और रामचंद करुणाकरन के स्‍वामित्‍व वाली हैं।

एजेंसी साहा और करुणाकरन को जून में गिरफ्तार कर चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि एयरसेल के संस्थापक सी. शिवशंकरन द्वारा अपने परिजनों तथा समूह की कंपनियों के नाम पर परोक्ष तौर पर रखी गई कुछ संपत्तियों को भी कुर्क किया गया है। कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य करीब 570 करोड़ रुपए है।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने इस साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दायर किया था। ईडी ने आरोपपत्र में कहा कि आईएलएंडएफएस का वरिष्ठ प्रबंधक/अधिकारी कमिशनखोरी जैसे गैरकानूनी कृत्य में लिप्त था तथा कंपनी की लागत पर निजी फायदा कमाया।

अधिकारी ने कहा कि आपस में तथा विभिन्न निजी निकायों के प्रवर्तकों के साथ आपराधिक सांठगांठ के जरिये वे स्थापित नियमों के उल्लंघन में लिप्त रहे तथा पहले से कर्ज में फंसी कंपनियों को उन्होंने बड़े कर्ज दिए। ये कर्ज ऐसी कंपनियों को भी दिए गए जो पहले ही आईएफआईएन से लिए कर्ज के भुगतान में चूक कर चुकी थीं।

एजेंसी ने कहा कि उन्होंने यही आपराधिक तरीका अपनाते हुए शिवशंकरन के साथ साजिश की और शिवा ग्रुप की कंपनियों को कथित तौर पर गलत तरीके से दिए गए कर्जों में से अभी 494 करोड़ रुपए की वसूली नहीं हो सकी है। ईडी ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 से 2017-18 के दौरान आईएफआईएन का प्रदर्शन नकारात्मक रहा लेकिन इसके बाद भी प्रबंधन के वरिष्ठ लोगों को कंपनी के कार्यप्रर्दशन पर आधारित भुगतान, डेप्यूटेशन खर्च और कमीशन में भारी वृद्धि की गई। आने वाले समय में एजेंसी इस मामले में और आरोपपत्र दायर कर सकती है।

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