नई दिल्ली। दिग्गज उर्वरक कंपनी इफको (IFFCO) ने मंगलवार को घोषणा की है कि वह इस माह अपने गैर-यूरिया पोषक तत्वों की कीमत में बढ़ोतरी नहीं करेगी। इफको ने कहा कि उसके जटिल उर्वरकों – डीएपी, एनपीके और एनपीएस- की कीमत में चालू माह के दौरान कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।
इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर यूएस अवस्थी ने ट्वीट कर कहा कि इफको ने जटिल उर्वरकों की कीमत मार्च 2021 में डीएपी की कीमत 1200 रुपये, एनपीके 10:26:26 की कीमत 1175 रुपये, एनपीके 12:32:16 की कीमत 1185 रुपये और एनपीएस 20:20:0:13 की कीमत 925 रुपये प्रति बैग पर बरकरार रखने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इफको हमेशा किसानों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और उसका उद्देश्य किसानों के लिए कृषि इनपुट लागत को कम करना है। पिछले रबी सीजन में इफको ने जटिल उर्वरकों की कीमत में काई वृद्धि नहीं की थी। इफको ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की कीमतों में बहुत अधिक इजाफा होने के बावजूद इफको की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
भारत में इफको के पांच विनिर्माण संयंत्र हैं। यह जनरल इंश्योरेंस, रूरल टेलीकॉम, रूरल रिटेल, एग्रोकेमिकल्स, फूड प्रोसेसिंग और ऑर्गेनिक्स क्षेत्र में भी कार्य करती है।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि सुधार जरूरी
कृषि सुधार पर तकरार के बीच मोदी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करना एक बड़ा लक्ष्य है, जिसे हासिल करने के लिए सुधार जरूरी है। किसानों की आय दोगुनी (डीएफआई) करने को लेकर गठित विशेषज्ञों की समिति के अध्यक्ष डा. अशोक दलवई ने बताया कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के लिए विगत कुछ वर्षों में जो भी नीतियां बनाई गई हैं, उनका मकसद किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है। उन्होंने कहा कि बाजार व्यवस्था में सुधार की बात हो या फिर सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाएं हों, सारा कुछ किसानों के फायदे के लिए किया गया है, ताकि उनकी आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
वरिष्ठ अधिकारी दलवई ने कहा कि कृषि बाजार में सुधार पर ज्यादा जोर देने की आवश्यकता है, क्योंकि एपीएमसी हो या डायरेक्ट ट्रेड हो बाजार में खरीद के चैनल ज्यादा होने किसानों को अच्छे भाव मिलने की संभावना ज्यादा होगी।
नए कृषि कानून के आइने में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की प्रासंगिकता को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि बाजार में कृषि उत्पादों के दाम में उतार-चढ़ाव होता रहता है। ऐसे में जब किसानों को उचित भाव नहीं मिल पाता है, तब एमएसपी पर खरीद की जरूरत होती है। इसलिए, एमएसपी एक वैकल्पिक व्यवस्था है।
किसानों की आमदनी दोगुनी करने को लेकर गठित कमेटी की सिफारिशों का जिक्र करते हुए अशोक दलवई ने कहा कि हमने डीएफआई रिपोर्ट में मार्केट रिफॉर्म और एमएसपी को मजबूत करने की आवश्यकता दोनों का का जिक्र किया है। हमने रिपोर्ट में इस बात का विश्लेषण किया है एमएसपी क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब उचित भाव दिलाने में बाजार विफल होता है, तब एमएसपी पर खरीद की जरूरत होती है।
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