कोयम्बटूर। एक रुपए में आमतौर पर एक टॉफी या चॉकलेट मिलना भी मुश्किल होता है, लेकिन यदि कोई महिला एक रुपए में लोगों को इडली खिला रही हो, तो उसका सुर्खियों में आना लाजमी है। सोशल मीडिया पर एक 80 साल की बुजुर्ग महिला का इडली बनाकर खिलाने का वीडियो वायरल हो रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने तीन दिनों के विदेश दौरे के बीच में ही वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए बुजुर्ग महिला की मदद की। आप भी जानिए आखिर क्या है पूरा मामला।
दरअसल, कोयम्बटूर की कमलाथल उम्र के 80वें पड़ाव पर हैं लेकिन इस उम्र में उनका सेवा भाव किसी के भी दिल को छू सकता है। कमलाथल की दुकान के संघर्ष और सेवा की कहानी खुद देश के बड़े उद्योगपतियों में शुमार और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा 'एक व्यक्ति अपनी इच्छाशक्ति से समाज में बड़े और बदलाव लाने वाले काम कर सकता है। यह उन विनम्र कहानियों में से एक है जो आपको आश्चर्यचकित करती है लेकिन अगर आप भी कमलाथल जैसा कुछ प्रभावशाली काम करते हैं तो यकीनन वो दुनिया को हैरान करेगा। मैंने नोटिस किया है वह अभी भी एक लड़की से जलने वाले चूल्हे का उपयोग करती है। अगर कोई उन्हें जानता है तो मैं उन्हें एक एलपीजी ईंधन वाला चूल्हा देना चाहूंगा और उनके व्यवसाय में निवेश करने में मुझे खुशी होगी।
विदेश दौरे से ही धर्मेंद्र प्रधान ने की मदद
सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जैसे ही ये खबर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पता चली, उन्होंने अबु धाबी से ही कोयंबटूर स्थित भारत पेट्रोलियम के अधिकारियों से बात की और बुजुर्ग महिला को एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराने का निर्देश दिया। 11 सितंबर को कमलाथल कि जिंदगी में मानो एक नया सबेरा हुआ।
बुजुर्ग महिला को सिलेंडर मिलने से खुश हैं गाँव वाले
एलपीजी सिलेंडर का निशुल्क कनकेशन मिलने की खुशी सिर्फ कमलाथल को ही नहीं है बल्कि उसकी दुकान पर आने वाले हर उस मजदूर के चेहरे पर देखी जा सकती है, जिसके लिए गांव में 80 साल की यह बुजुर्ग महिला इडली की दुकान चलाती है और सिर्फ 1 रुपए में लोगों को इडली खिलाती है।
लोगों ने कहा 'उज्ज्वला मैन शुक्रिया'
केंद्रीय मंत्री की ओर से चंद घंटों के भीतर जिस तरह एक जरूरतमंद महिला को एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराया गया, वह भी अपने विदेश दौरे के बीच से, उससे ट्वीटर पर लोग इस काम की खूब तारीफ भी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि उज्ज्वला मैन शुक्रिया... एक अन्य यूजर ने लिखा छोटी-छोटी पहल से बड़े बदलाव आते हैं।
गौरतलब है कि कमलाथल अपने गांव में काम करने वाले मजदूरों को केवल एक रुपए में प्लेट भर इडली और सांभर खिलाती है। कमलाथल की झोपड़ीनुमा दुकान में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की अच्छी खासी भीड़ लगती है, लेकिन महिला का संघर्ष इसलिए और भी प्रेरणादायी हो जाता है, क्योंकि उसके पास एक अदद गैस सिलेंडर तक नहीं था, जिससे उसे मिट्टी के चूल्हे पर ही लकड़ी जलाकर इडली सांभर पकाना पड़ता था। कमलाथल इडली बनाने के लिए पुराने सिलबच्चे का इस्तेमाल करती है। वो इलेक्ट्रिक स्टोन ग्राइंडर इस्तेमाल करने से मना करती हैं। उनकी रसोई में स्टोव नहीं पुराने जमाने की भट्टी है।