नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्यूलर का शुद्ध घाटा 2017-18 की चौथी तिमाही में लगभग तिगुना होकर 930.6 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी को एक साल पहले इसी तिमाही में 325.6 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था। इसी तरह मार्च तिमाही में कंपनी का परिचालन कारोबार भी 24.47 प्रतिशत घटकर 6,137.3 करोड़ रुपए रह गया।
वहीं समूचे वित्त वर्ष 2017-18 के लिए घाटा बढ़कर 4,139.9 करोड़ रुपए हो गया जो कि 2016-17 में 404 करोड़ रुपए था। पूरे साल के दौरान कंपनी की परिचालन आय घटकर 28,278.9 करोड़ रुपए रह गई जो कि पूर्व वित्त वर्ष में 36,676.8 करोड़ रुपए रही थी।
आइडिया सेल्यूलर ने कहा कि भारतीय मोबाइल उद्योग में लगातार दूसरे साल भी भारी प्रतिस्पर्धा रही। ज्यादातर टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखने के लिए कम कीमत वाले अनलिमिटेड वॉयस और डाटा प्लान कम कीमत पर पेश किए ताकि वे नए 4G ऑपरेटर द्वारा पेश किए जा रहे काफी कम कीमत वाले प्लान से प्रतिस्पर्धा कर सकें।
कंपनी ने अपने वित्तीय निष्पादन में इस गिरावट के लिए कडी प्रतिस्पर्धा व नियामकीय बाधाओं को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही उसने उम्मीद जताई है कि वोडाफोन के साथ उसका विलय सौदा जून 2018 तक सिरे चढ़ जाएगा।