मुंबई। आइडिया सेल्युलर ने रिलायंस जियो के प्रस्तावित 4G फोनों को लेकर नेट निष्पक्षता की चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इससे केवल संचालक की पसंद के ऐप को ही अनुमति मिलेगी और वह इसका मुकाबला करने के लिए थोड़ा महंगा हैंडसेट पेश करेगी। तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्युलर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हिमांशु कपानिया ने विश्लेषकों के साथ टेलीकांफ्रेंसिंग में कहा, एक चिंता नेट निष्पक्षता की है। यह ज्यादातर ऐसे ऐप को अनुमति नहीं देगा जिसे ग्राहक पसंद करते हैं। ऐप के चुनाव का विकल्प नहीं चलेगा क्यों क्योंकि यह ग्राहकों को ऑपरेटर विशेष के ही ऐप का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य कर रही है।
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कपानिया ने कहा कि फिलहाल यह देखना बाकी है कि प्रस्तावित जियो फोन, जिसमें स्मार्टफोन जैसी विशेषताएं नहीं हैं, कैसे इंटरनेट चलाने को इच्छुक ग्राहकों की सेवा करेगा। उन्होंने कहा कि आइडिया सेल्युलर आदित्य बिड़ला ग्रुप कंपनी है। यह इस समय हैंडसेट निर्माताओं के साथ एक ऐसा फोन पेश करने की दिशा में काम कर रही है जो थोड़ा महंगा होगा लेकिन उसमें ग्राहकों को विकल्प चुनने की आजादी होगी। आइडिया सेल्युलर का वोडाफोन में विलय हो रहा है।
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उन्होंने कहा कि उसके हैंडसेट पर ग्राहक को अपनी पसंद की दूरसंचार कंपनी, गूगल, फेसबुक या व्हाट्सअप जैसे ऐप चुनने की आजादी होगी। नेट निष्पक्षता तब एक बड़ा संवेदनशील विषय है जिसमें इस बात पर जोर दिया जाता है कि कोई सेवा प्रदाता इंटरनेट पर किसी सामग्री के प्रवाह पर भेद भाव न करे। फेसबुक ने इंटरनेट निरपेक्षता को लेकर चिंता के कारण भारत में ग्रामीण आबादी को मुफ्त इंटरनेट सेवा देने की अपनी योजना त्याग दी थी।