मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक की कर्मचारी यूनियनों ने दावा किया कि उनकी एक दिन की हड़ताल सफल रही है, जबकि दूसरी तरफ बैंक प्रबंधन ने कहा कि कामकाज सामान्य ढंग से हुआ। आईडीबीआई बैंक की दो यूनियनों ने बैंक का निजीकरण करने की सरकार की योजना के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था। यूनाइटेड फोरम ऑफ आईडीबीआई बैंक ऑफिसर्स एंड एंप्लायज और यूनाइटेड प्लेटफार्म ऑफ आईडीबीआई बैंक यूनियंस के बैनर तले हड़ताल की गई।
बैंक का दावा है कि कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की वजह से उनकी कोई भी सेवा बाधित नहीं हुई। कर्नाटक में हड़ताल नहीं थी, कयोंकि वहां उच्च न्यायालय ने यूनियनों को हड़ताल नहीं करने को कहा है। आईडीबीआई बैंक ने एक वक्तव्य में कहा, सभी बैंकिंग सेवाएं जिनमें सामान्य बैंकिंग सेवाएं, चेक क्लीयरिंग, प्रेषण, आरटीजीएस, नेफ्ट, बैंकिंग लेनदेन सेवाएं, ट्रेजरी संचालन सामान्य ढंग से होता रहा है। दूसरी तरफ यूनियनों ने अलग तस्वीर पेश की है। यूनियनों ने कहा है कि हड़ताल पूरी तरह सफल रही है। बैंक की सभी शाखाएं और कार्यालय बंद रहे।
इस बीच भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बढ़कर 14 फीसदी हो गई है। आईडीबीआई बैंक ने तरजीही आधार पर एलआईसी को 15.8 करोड़ शेयर आवंटित किए हैं। यह 7.16 फीसदी हिस्सेदारी है जिसे मिलाकर बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी 14 फीसदी से अधिक हो गई। शेयर आवंटन आईडीबीआई बैंक की सरकारी हिस्सेदारी को बेचने की प्रक्रिया का हिस्सा है। यह बैंक के निजीकरण की दिशा में उठाये जा रहे कदम का हिस्सा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा, आईडीबीआई बैंक में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सरकार इसे आगे बढ़ाएगी और अपनी हिस्सेदारी 50 फीसदी से भी कम करने के विकल्प पर भी विचार करेगी।