मुंबई। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि बीते वित्त वर्ष यानी 2020-21 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो प्रतिशत वृद्धि हासिल होगी जबकि पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट रहेगी। सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के लिहाज से यदि इसका आकलन किया जाये तो चौथी तिमाही में तीन प्रतिशत वृद्धि हासिल होगी और पूरे साल में जीवीए में 6.3 प्रतिशत की गिरावट रहने का अनुमान है।
एजेंसी के मुताबिक चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की अनुमानित जीडीपी वृद्धि से अर्थव्यवस्था में पूरे साल में द्विअंकीय गिरावट से बचा जा सकेगा। जैसा कि राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय (एनएसओ) ने संकेत दिया था। इक्रा का अनुमान इससे पहले एनएसओ द्वारा चौथी तिमाही में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि और पूरे साल में आठ प्रतिशत की गिरावट आने के व्यक्त किये गये अनुमान से बेहतर है।
पूरे साल की जीडीपी उसकी चार तिमाहियों की जीडीपी दर का औसत नहीं है, हर तिमाही में जीडीपी भार अलग अलग होता है क्योंकि प्रत्येक तिमाही में उत्पादन स्तर अलग अलग होता है। आम तौर पर अंतिम यानी चौथी तिमाही का वार्षिक जीडीपी में सबसे अधिक वजन रहता है। जीडीपी किसी अर्थव्यवस्था में उत्पादित सभी सामानों और सेवाओं का मूल्य होता है।
पिछले वित्त वर्ष 2020- 21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत गिरावट आई थी। दूसरी तिमाही में यह गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रह गई और तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि में लौटकर 0.40 प्रतिशत हो गई। चौथी तिमाही के आधिकारी आंकड़े इसी सप्ताह जारी होंगे। फिलहान इसके अनुमान व्यक्त किये जा रहे हैं। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि मार्च तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर दो प्रतिशत रहेगी।
यह दिसंबर तिमाही के 0.40 प्रतिशत की तुलना में अधिक है। इससे अर्थव्यवस्था द्विअंकीय गिरावट के रास्ते पर जाने से बच सकती है। नायर ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि चौथी तिमाही में जीवीए की वृद्धि दर जीडीपी की वृद्धि से अधिक रहेगी। हमारा मानना है कि चौथी तिमाही में जीवीए का प्रदर्शन अर्थव्यवस्था में सुधार का अर्थपूर्ण संकेतक होगा। ’’ उन्होंने कहा कि पूरे साल की जीडीपी गिरावट 7.3 प्रतिशत और जीवीए में पूरे साल का संकुचन 6.3 प्रतिशत रहेगा।
नायर ने उम्मीद से बेहतर आंकड़ों के अनुमान के लिये मात्रा के लिहाज से बेहतर सुधार को माना है, जिसमें एक साल पहले मार्च 2020 में लॉकडाउन के चलते तुलनात्मक आधार नीचे रहने का भी योगदान है।
नायर ने कहा कि चौथी तिमाही में जीवीए की वृद्धि तीसरी तिमाही के मुकाबले उद्योग क्षेत्र की वृद्धि (2.7 प्रतिशत से बढ़कर 4.8 प्रतिशत रहने) सेवा क्षेत्र में एक प्रतिशत गिरावट के मुकाबले दो प्रतिशत वृद्धि के अनुमान का योगदान होगा। हालांकि, इस दौरान कृषि, वानिकी और मछली पालन क्षेत्र के प्रदर्शन में 3.9 प्रतिशत के मुकाबले कम रहकर 3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।