मुंबई। भारत में निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंकिंग प्रतिष्ठान आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने अपने ऋणों के लिए ब्याज की मानक दर 0.10 प्रतिशत कम करने की सोमवार को घोषणा की। बैंक ने जमा दरों में कटौती करने के कुछ हफ्ते बाद यह कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फरवरी से अब तक रेपो दरों में 0.75 प्रतिशत की कटौती की है। उसने भी बैंकों से इसका लाभ जल्द से जल्द ग्राहकों को देने के लिए कहा है। रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैकों को रेपो के हिसाब से फौरी जरूरत के लिए एक दिन को नकद धन देता है। यह दर इस समय 5.75 प्रतिशत है।
आईसीआईसीआई बैंक ने सभी अवधियों के ऋण पर कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण ब्याज दर (एमसीएलआर) को 0.10 प्रतिशत घटा दिया है। नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं। कटौती के बाद अब 1 साल अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR घटकर 8.65 फीसदी हो गई है. इस तरह की कैटेगरी में ज्यादातर घर गिरवी रखकर लिए जाने वाले कर्ज और ऑटो लोन आते हैं।
जानिए क्या है MCLR?
बैंकों द्वारा MCLR बढ़ाए या घटाए जाने का असर नए लोन लेने वालों के अलावा उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो। दरअसल अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाती थी, यानी बैंक इससे कम दर पर कस्टमर्स को लोन नहीं दे सकते थे। 1 अप्रैल 2016 से बैंकिंग सिस्टम में MCLR लागू हो गई और यह लोन के लिए मिनिमम दर बन गई, यानी उसके बाद MCLR के आधार पर ही लोन दिया जाने लगा।
वाहन, आवास इत्यादि अधिकतर ऋण एक साल की अवधि वाले एमसीएलआर पर आधारित होते हैं। बैंक ने अपनी एमसीएलआर घटाकर 8.65 प्रतिशत कर दिया है। आईसीआईसीआई के अलावा एक्सिस और एचडीएफसी बैंक जैसे देश के निजी क्षेत्र के शीर्ष घरेलू बैंकों ने भी अपनी ऋण ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत से 0.25 प्रतिशत तक की कटौती की है।
0.25 प्रतिशत तक कम हो गई हैं कुछ बैंकों की डिपॉजिट रेट
ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, HDFC बैंक जैसे टॉप प्राइवेट सेक्टर लेंडर्स ने मध्य जून में कुछ चुनिंदा डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों में 0.10 से 0.25 फीसदी तक की कटौती की है।
RBI ने बैंकों को दिया था कर्ज दरें और कम करने का निर्देश
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बीते 6 जून को मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू मीटिंग में रेपो रेट में एक बार फिर 0.25 फीसदी की कटौती की थी। RBI ने कहा था कि प्रमुख ब्याज दरों में हो चुकी 0.50 फीसदी कटौती के एवज में बैंकों ने अपनी कर्ज दरों में 0.21 फीसदी की ही कटौती की है। इसे देखते हुए RBI ने बैंकों को कर्ज दरें और कम करने को कहा था। 2019 में RBI अब तक प्रमुख ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की कटौती कर चुका है।