नई दिल्ली। अगर आपका खाता आईसीआईसीआई बैंक में है तो आपको झटका लगने वाला है। दरअसल, प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक ने जमा और निकासी पर शुल्क लगाया है। बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अब से बैंक के खाताधारकों को बैंक में पैसे जमा करने या निकालने पर 100 से 125 रुपए तक का शुल्क देना होगा। 16 अक्टूबर से लागू होने वाले इस नियम के तहत मशीन के जरिए बैंक में पैसा जमा करते हैं तो उन्हें शुल्क देना होगा। इसके साथ ही बैंक ने अपने 'जीरो बैलेंस' अकाउंट होल्डर्स को खाते को किसी अन्य बेसिक सेविंग्स खाते में बदलने या खाता बंद करने की सलाह भी दी है।
खाता बंद करें जीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स
इसके साथ ही बैंक ने अपने जीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स को खाते को किसी अन्य बेसिक सेविंग्स खाते में बदलने या खाता बंद करने की सलाह भी दी है। बैंक ने अपने जीरो बैलेंस अकाउंट होल्डर्स से रिक्वेस्ट किया है कि वे अपने अकाउंट को किसी अन्य बेसिक अकाउंट में बदल लें, यदि वे ऐसा नहीं कर सकते तो वो अपना अकाउंट बंद कर लें। गौरतलब है कि जहां एक ओर केंद्र सरकार बैंकिंग नियमों को ग्राहकों की सुविधानुसार आसान बना रही है वहीं निजी क्षेत्र के बड़े बैंक आईसीआईसीआई ने अपने ग्राहकों को जोर का झटका दिया है।
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की पहल
आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार रात को एक नोटिस जारी किया था। आईसीआईसीआई बैंक ने अपने अकाउंट होल्डर्स को जारी एक नोटिस में कहा, 'हम अपने ग्राहकों को बैंकिंग लेन-देन डिजिटल मोड में करने के लिए उत्साहित करते हैं, जिससे डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव को बढ़ावा मिल सके।' बता दें कि बैंक ने मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के जरिये होने वाले नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) तथा यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर लगने वाले तमाम तरह के शुल्क को खत्म कर दिया है।
NEFT और RTGS पर देना होता है 45 रुपए का शुल्क
मौजूदा समय में आईसीआईसीआई बैंक की शाखाओं से 10,000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक के एनईएफटी ट्रांजैक्शन पर 2.25 रुपए से लेकर 24.75 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है। वहीं, शाखाओं से दो लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक किए जाने वाले आरटीजीएस ट्रांजैक्शन के लिए 20 रुपए से लेकर 45 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है।