मुंबई। देश में दूसरे नंबर के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी सभी परिपक्वता के ऋण की ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। बैंक ने सीमांत लागत पर आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) वाले सभी परिपक्वता अवधि के कर्जों पर ब्याज दर में यह कटौती है। रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती के लिये बैंकों पर लगातार दबाव डालता रहा है।
आईसीआईसीआई बैंक की इस कटौती के बाद अप्रैल के बाद से उसकी कर्ज की ब्याज दर में कुल 0.20 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है। बैंक की नई ब्याज दरों के तहत अब एक सितंबर से बैंक की एक साल की एमसीएलआर की ब्याज दर घटकर 8.55 प्रतिशत जबकि एक दिन की एमसीएलआर दर 8.30 प्रतिशत रह गई है। खुदरा ऋण के लिहाज से बैंक की एमसीएलआर आधारित एक साल की कर्ज दर को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बैंक के दीर्घकालिक सभी तरह के कर्ज को इसी दर से जोड़ा जाता है। इसमें आवास रिण जैसे कर्ज भी इस दर से जुड़ते हैं।
आईसीआईसीआई बैंक के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी बैंक एचडीएफसी बैंक की एक साल की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) 8.60 प्रतिशत पर है। जबकि यही दर तीसरे नंबर के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एक्सिस बैंक के मामले में 8.55 प्रतिशत पर है। आईसीआईसीआई बैंक ने इससे पहले अपनी ब्याज दरों की जुलाई के पहले सप्ताह में समीक्षा की थी। तब बैंक ने ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत कटौती की थी।
रिजर्व बैंक इस बात को लेकर काफी नाराज है कि बैंक रेपो दर में काफी कटौती किये जाने के बाद भी ब्याज दर कम नहीं कर रहे हैं। रिजर्व बैंक 2019 में चार बार रेपो दर में कुल मिलाकर 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इस वित्त वर्ष में अप्रैल के बाद से अब तक केन्द्रीय बैंक 0.85 प्रतिाश्त तक की कटौती कर चुका है। रिजर्व बैंक का कहना है कि उसकी रेपो दर में 0.85 प्रतिशत कटौती के बाद बैंक अगस्त तक केवल 0.30 प्रतिशत तक ही कटौती कर पाये हैं। बैंकों का कहना है कि उसकी देनदारियों की लागत कम होने में समय लगता है जिसकी वजह से रिजर्व बैंक की कटौती का लाभ तुरंत ग्राहकों को देने में समय लगता है।