नई दिल्ली। अभी तक पेट्रोल और डीजल आपकी जेब पर बोझ ही बनते रहे हैं लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो जल्दी ही आपको पेट्रोल और डीजल से कमाने का मौका भी मिल सकेगा। पेट्रोल-डीजल के भाव घटने पर आप अपनी जरूरत से कई गुना ज्यादा खरीद सकेंगे और भाव बढ़ने पर आसानी से बेच भी सकेंगे, मजे की बात ये कि इसके लिए आपको कहीं पेट्रोल और डीजल भरकर भी नहीं रखना होगा।
ICEX ने मांगी वायदा कारोबार शुरू करने की इजाजत
दरअसल इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX) ने शेयर और कमोडिटी बाजार रेग्युलेटर सेबी से पेट्रोल और डीजल में वायदा कारोबार शुरू करने की इजाजत मांगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय पहले ही ICEX को पेट्रोल-डीजल में वायदा कारोबार शुरू करने की मंजूरी दे चुका है, इसपर अंतिम फैसला सेबी को लेना है।
इजाजत मिली तो एक्सचेंज पर ट्रेड होंगे पेट्रोल-डीजल
अगर ICEX या किसी दूसरी एक्सचेंज को सेबी की तरफ से पेट्रोल और डीजल में वायदा कारोबार शुरू करने की इजाजत मिलती है और एक्सचेंज इनके वायदा सौदे शुरू कर देते हैं तो कोई भी व्यक्ति तय नियमों के मुताबिक एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर पेट्रोल और डीजल में खरीदारी या बिकवाली शुरू कर सकेगा।
इस तरह से होता है वायदा कारोबार
आम तौर पर कमोडिटीज के वायदा कारोबार में हर कमोडिटी के अलग-अलग वायदा सौदे होते हैं, एक्सचेंजों पर पहले ही कच्चे तेल का वायदा कारोबार होता है। कारोबारी अपनी सहूलियत से कच्चे तेल में खरीदारी या बिकवाली करते हैं। खरीदारी या बिकवाली कम से कम एक लॉट की करनी होती है और उसके लिए कम से कम 5 प्रतिशत मार्जिन रकम देनी होती है। मान लीजिए प्रति बैरल कच्चे तेल का भाव 70 डॉलर है और एक लॉट में 100 बैरल हैं तो इसकी कुल कीमत 7000 डॉलर बनेगी, इसमें खरीदारी के लिए 5 प्रतिशत रकम यानि कम से कम 350 डॉलर चुकाने होंगे और भाव अगर 70 डॉलर से बढ़कर 71 डॉलर हो गया तो 1 लॉट की खरीदारी पर 100 डॉलर का मुनाफा होगा। इसी तरह अगर कोई 70 डॉलर पर बिकवाली का सौदा डालता है और भाव घटकर 69 डॉलर होता है तो एक लॉट पर 100 डॉलर का फायदा होगा।
वायदा कारोबार में ज्यादा फायदे के साथ ज्यादा जोखिम भी
वायदा कारोबार ज्यादा फायदे के साथ ज्यादा जोखिम से भरा भी होता है, अगर आपने खरीदारी का सौदा डाला है और भाव बढ़ने के बजाय घट जाता है तो फायदे के बजाय उतना नुकसान उठाना पड़ेगा, इसी तरह बिकवाली के सौदे में भाव घटने के बजाय बढ़ जाता है तो भी नुकसान होगा। पेट्रोल और डीजल में भी अगर वायदा कारोबार की इजाजत मिलती है तो इसी तरह से उसमें कारोबार होगा। हालांकि पेट्रोल-और डीजल के वायदा कारोबार की रूपरेखा कैसी होगी, इसपर फैसला मंजूरी के बाद ही होगा।
पेट्रोल-डीजल भरकर रखने की जरूरत नहीं
कमोडिटी एक्सचेंजों पर अभी तक जिन कमोडिटीज में कारोबार होता है उनमें कारोबारियों को कमोडिटी को भरकर रखने की जरूरत नहीं होती है, कारोबारी पैसे देकर एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर खरीदारी या बिकवाली करते हैं और अगर उनको उस कमोडिटी की जरूरत नहीं होती है तो वह वायदा एक्सपायर होने से पहले अपना सौदा काट सकते हैं या फिर अगले वायदा में ट्रांस्फर कर सकते हैं। पेट्रोल और डीजल में भी अगर कोई वायदा कारोबार शुरू करेगा तो उसे भी पेट्रोल और डीजल भरकर रखने की जरूरत नहीं होगी।