नई दिल्ली। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने 6,000 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी लि. (NARCL) या बैड बैंक के गठन के लिए लाइसेंस को रिजर्व बैंक के पास आवेदन किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कंपनी पंजीयक (आरओसी) के पास पंजीकरण के बाद एनएआरसीएल का गठन पिछले महीने हुआ था। सूत्रों ने बताया कि 100 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी जुटाने तथा अन्य कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद कंपनी ने संपत्ति पुनर्गठन कारोबार का लाइसेंस लेने के लिए रिजर्व बैंक के पास आवेदन किया है।
रिजर्व बैंक ने 2017 में पूंजी की जरूरत को पूर्व के दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया था। डूबे कर्ज को खरीदने के लिए अधिक नकदी की जरूरत को देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया था। सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कारोबार के लिए लाइसेंस देने को रिजर्व बैंक की अपनी प्रक्रिया है। नियामक से इसका लाइसेंस लेने में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। सूत्रों ने कहा कि इसके लिए रिजर्व बैंक की मंजूरी सितंबर या अक्टूबर में मिल सकती है।
विभिन्न नियामकीय मंजूरियों और अन्य कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कानूनी सलाहकार एजेडबी एंड पार्टनर्स की सेवाएं ली गई हैं। आईबीए को बैड बैंक की स्थापना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उसने एनएआरसीएल के लिए शुरुआती बोर्ड बनाया है। कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक से दबाव वाली संपत्तियों के विशेषज्ञ पी एम नायर को इसका प्रबंध निदेशक बनाया है। बोर्ड के अन्य सदस्यों में आईबीए के मुख्य कार्यकारी सुनील मेहता, एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक एस एस नायर और केनरा बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अजित कृष्ण नायर शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 में घोषणा की थी कि बैंक बुक्स को साफ-सुथरा करने के लिए सार्वजनिक बैंकों द्वारा अपने तनावग्रस्त संपत्ति के लिए उच्च स्तर का प्रावधान किया जाता है। उन्होंने कहा था कि मौजूदा तनावग्रस्त कर्ज को कंसोलिटेड करने और उसका प्रबंधन करने के लिए एक असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और असेट मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना की जाएगी।
सार्वजनिक बैंक केनरा बैंक ने 12 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एनएआरसीएल का मुख्य प्रायोजक बनने की इच्छा प्रकट की थी। प्रस्तावित एनएआरसीएल में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की और शेष हिस्सेदारी प्राइवेट-सेक्टर की होगी। एनएआरसीएल बैंकों द्वारा चिन्हित तनावग्रस्त ऋण का प्रबंधन देखेगी। बैंकों ने शुरुआती चरण में एनएआरसीएल को ट्रांसफर करने के लिए 89,000 करोड़ रुपये मूल्य के लिए लगभग 22 तनावग्रस्त ऋणों की पहचान की है।
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